नगर निगम चुनाव मामले में हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, जल्द चीफ जस्टिस देंगे निर्णय
पटना। बिहार में नगर निगम चुनाव सम्पन्न हो गए हैं। निर्वाचित हुए सदस्यों ने काम काज भी संभाल लिया है। लेकिन अभी भी ग्रहण दूर नहीं हुआ है। सुनील कुमार और अन्य के द्वारा चुनाव की वैधता पर सवाल खड़ा करते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उसकी सुनवाई पूरी हो गई है। शुक्रवार को मुख्यन्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसले को सुरक्षित रख लिया। यानी अब आगे सुनवाई नहीं होगी। फैसला आएगा। फैसले की घड़ी है। याचिकाकर्ता सुनील कुमार वर्सेस बिहार सरकार CWJC 4223, याचिकाकर्ता हरिनारायण शर्मा वर्सेस बिहार सरकार CWJC 17053/2023 और याचिकाकर्ता प्रोफेसर रामबली सिंह वर्सेस बिहार सरकार CWJC 5806/2023 पर 2 जनवरी से लगातार डबल बेंच में सुनवाई चली। इन तीनों मामलों को एक साथ क्लब कर के सुनवाई चली। याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राहुल श्याम भंडारी ने अपनी दलील पेश की। जबकि बिहार सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने दलील पेश की। चुनाव आयोग ने भी अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखा। सबका पक्ष सुनते हुए कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया। बिहार सरकार के द्वारा बनाए गए डेडीकेटेड कमीशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले भी टिपण्णी कर चुका है। इसके बावजूद उसी डेडीकेटेड कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर नगर निकाय कबचुनाव बिहार में संपन्न कराया गया। बस केवल तारीख में बदलाव किया गया था। हुबहू सीट वगैरह सबकुछ वहीं रही थी। कुछ परिवर्तन नहीं किया गया था। राज्य में नगर निकाय चुनाव दो चरणों में सम्पन्न हुआ था। पहले चरण का चुनाव 18 दिसंबर 2022 को हुआ था और दूसरे चरण का चुनाव 28 दिसंबर 2022 को सम्पन्न हुआ था। राज्य में चुनाव सम्पन्न हुए लगभग एक वर्ष पूरे हो गए हैं।