प्रदेश के 17 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, अगले दो दिनों तक भारी वर्षा की संभावना, पूर्वानुमान जारी
पटना। मौसम विभाग ने आज बिहार के 17 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 4 जिलों में ऑरेंज और 13 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है। मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार में अगले दो दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान 10-50 किलो मीटर की रफ्तार से तेज हवा चलेगी। मानसून की वापसी भी अब धीरे धीरे शुरू हो जाएगी। पटना, मोतिहारी, मधुबनी और बगहा में सुबह से बारिश हो रही है। नेपाल के तराई इलाकों और उत्तर बिहार में भारी बारिश हो रही है। इससे बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ेगा। जल संसाधन विभाग के मुताबिक गंडक में सबसे अधिक बारिश का पानी आ सकता है। इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं। बिहार के कई जिलों में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कटिहार में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण रसेला, मनिहारी, अमदाबाद, बरारी प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां के 57 स्कूलों को बाढ़ के कारण बंद कर दिया गया है। इधर, पटना में गंगा का पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया है, लेकिन हाथीदह में अब गंगा उफान पर है। वहीं, सुपौल सीमा पर नेपाल के भीम नगर स्थित कोसी बराज पुल को पार करते समय एक बस कोसी नदी में पलट गई। बस में 16 यात्री सवार थे। देर रात NDRF की टीम ने सभी का रेस्क्यू किया। पिछले 24 घंटे के दौरान पटना समेत कई शहरों में तेज बारिश हुई। जिसके कारण तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। गुरुवार को सहरसा, कटिहार, सहरसा में तेज बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया। वहीं, पश्चिमी चंपारण सबसे गर्म जिला रहा। यहां का अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने 28 सितंबर तक अधिकांश जिलों में बारिश की संभावना जताई है। विभाग के मुताबिक, अगले एक हफ्ते में मानसून की बिहार से विदाई हो जाएगी। इसके बाद पुरवा हवा चलने लगेगी। 1 जून से 26 सितंबर तक बारिश का औसत 968.78 एमएम है, जबकि 701.2 एमएम ही हुई है। जो सामान्य से 28 प्रतिशत कम है। आने वाले दिनों में भी कम ही रहने की संभावना है। 28% कम बारिश हुई है। इसकी पूर्ति होने की संभावना नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हथिया नक्षत्र की बारिश मानसून की विदाई मानी गई है। इससे इतने अधिक गैप को पूरा नहीं किया जा सकता है। अब भी सारण में 56 प्रतिशत कम बारिश हुई है। हथिया नक्षत्र में जितनी बारिश, उतनी अच्छी खेती होगी। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम-मध्य और इससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर का क्षेत्र पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़ते हुए कमजोर हो गया है। हालांकि, इससे संबंधित साइक्लोनिक सर्कुलेशनअब दक्षिण छतीसगढ़ और इसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित है और समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। उत्तर कोंकण से दक्षिण बांग्लादेश तक, दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर स्थित उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से होकर एक द्रोणिका (ट्रफ) गुजर रही है और यह समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली हुई है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकी हुई है।