विश्व हृदय दिवस : हृदय रोग से विश्व और भारत में सबसे ज्यादा मौत, मरनेवालों में 15 से 20% युवा
दरभंगा। विश्व हृदय दिवस के अवसर पर बुधवार को पारस अस्पताल में यूज हर्ट टू कनेक्ट विद योर हर्ट थीम पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पारस ग्लोबल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति प्रकाश कर्ण के अनुसार हृदय रोग भारत और दुनिया के लिए महामारी बन चुका है। भारत और विश्व में होनेवाली मौत में सबसे बड़ा कारण हृदय रोग होता है। भारत में होनेवाली मौत में 33 प्रतिशत लोग हृदय रोग की वजह से हर वर्ष जान गंवाते हैं।
डॉ. कर्ण के अनुसार सबसे खतरनाक बात यह है कि हृदय रोग से मरनेवाले में 15 से 20 प्रतिशत की उम्र 45 वर्ष से कम होती है। भारतीय को यूरोपियन की अपेक्षा हृदय रोग का खतरा ज्यादा है। भारत में औसतन जहां 50 वर्ष की उम्र में हृदय रोग हो जा रहा है। वहीं यूरोपियन लोगों में यह उम्र सीमा 60 से 65 वर्ष है। यदि भारतीय का 23 बीएमआई से ज्यादा है तो खुद को ओवर वेट माने। वहीं 26 से ज्यादा बीएमआई होने पर मोटापा का शिकार माने। इस वर्ष विश्व हृदय दिवस का थीम, यूज हर्ट टू कनेक्ट विद योर हर्ट है।
दुबले-पतले हैं और पेट निकला है तो आपको खतरा
डॉ. कर्ण के अनुसार यदि कोई व्यक्ति दुबला-पतला है, लंबाई के अनुसार वजन है, लेकिन पेट निकला हुआ है तो हृदय रोग का खतरा है। इसलिए शरीर में फैट या वसा का जमाव नहीं होने दें। हर्ट अटैक या हृदयाघात का कोई लक्षण दिखाई दे तो उसे नजरअंदाज नहीं करें। तत्काल अस्पताल पहुंचे। हृदय रोग के उपचार बहुत एडवांस हो चुका है। यदि समय से अस्पताल पहुंच जाते हैं तो जीवन बच सकता है।
हृदय रोग से बचने के लिए क्या करें
– हरी सब्जी, नट्स, फलिया और फल का सेवन करें, खानपान संतुलित और हेल्दी रखें। – वसायुक्त खाना न खाएं।
– रेगुलर शारीरिक श्रम करें, व्यायाम करें, साईकिल चलाएं या रोज तेजी से चलें।
– धूम्रपान नहीं करें।
– सेचुरेटेड फैट को घटाएं और कोलेस्ट्राल नियंत्रित रखें।
– उच्च रक्तचाप और मधुमेह का प्रबंधन करें।
– शरीर का वजन बढ़ने नहीं होने दें।
– पुरुष युवा हैं तो साल मे एक बार ईको, ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल और टीएमटी टेस्ट कराएं।
– तनाव मुक्त जीवन जीएं।