February 22, 2025

लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली की कोर्ट में हुई सुनवाई, लालू समेत 78 आरोपितों के चार्जशीट पर आदेश सुरक्षित

नई दिल्ली/पटना। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शुक्रवार को “नौकरी के बदले जमीन” घोटाले पर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य 78 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पर संज्ञान लेने का आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब अदालत 25 फरवरी 2025 को इस पर फैसला सुनाएगी। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मंत्री थे। सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अनुसार, इस दौरान लालू यादव ने रेलवे के ग्रुप डी पदों पर नौकरी देने के बदले पटना के 12 लोगों से जमीनें अपने परिवार के नाम करवाईं। यह संपत्तियां नाममात्र की कीमत पर खरीदी गईं और नकद भुगतान किया गया। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव ने सरकारी पद का दुरुपयोग किया और गुप्त रूप से लोगों को रेलवे की नौकरी दी। जांच एजेंसी को सात ऐसे उदाहरण मिले हैं, जहां नौकरी मिलने से पहले संबंधित उम्मीदवारों के परिवारों ने लालू यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित की। इन संपत्तियों को राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर दर्ज कराया गया।इस मामले में 78 आरोपी हैं, जिनमें 30 सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। सीबीआई ने बताया कि सभी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल गई है। अब अदालत को फैसला करना है कि इस चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। 20 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दिल्ली और पटना में लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से लंबी पूछताछ की थी। लालू यादव से 50 से अधिक सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने अधिकतर सवालों के जवाब हां” या “ना” में दिए। पूछताछ के दौरान वे कई बार नाराज भी हो गए। तेजस्वी यादव से 30 जनवरी 2024 को लगभग 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी। अदालत अब 25 फरवरी 2025 को इस मामले में चार्जशीट पर संज्ञान लेने का निर्णय सुनाएगी। यदि अदालत संज्ञान लेती है, तो लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ेगा। यह मामला बिहार की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि लालू यादव और उनका परिवार राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाता है। यदि अदालत में आरोप तय होते हैं, तो इसका असर आने वाले चुनावों और बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों पर पड़ सकता है।

You may have missed