गया में तिलक समारोह में हर्ष फायरिंग, गोली लगने से युवक की मौत
गया। बिहार में हर्ष फायरिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसी ही एक दर्दनाक घटना शुक्रवार देर रात गया जिले के टेकारी थाना क्षेत्र के खड़गपुरा गांव में घटी, जब एक तिलक समारोह में हुई फायरिंग के दौरान 25 वर्षीय कुंदन कुमार की गोली लगने से मौत हो गई। यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके में गम का माहौल पैदा कर गई।
मृतक की पहचान और घटना का विवरण
मृतक कुंदन कुमार पूर्व प्रमुख अनिल पासवान का बेटा था और अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव का निवासी था। वह अपनी बहन का तिलक चढ़ाने खड़गपुरा गांव गया था। घटना के समय रणजीत पासवान के बेटे का तिलक समारोह चल रहा था। लड़की पक्ष के लोग तिलक की तैयारियों में जुटे थे कि तभी लड़के पक्ष की ओर से हर्ष फायरिंग शुरू कर दी गई। इसी फायरिंग के दौरान एक गोली कुंदन को लग गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवार वालों ने कुंदन को तुरंत टिकारी अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे गया मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश, अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही कुंदन ने दम तोड़ दिया।
शादी का माहौल मातम में बदला
तिलक समारोह की खुशियां एक पल में मातम में बदल गईं। कुंदन की मौत के बाद तिलक की रस्म पूरी नहीं हो सकी। इस घटना ने दोनों परिवारों को सदमे में डाल दिया है। खुशी के माहौल में इस तरह की अप्रत्याशित घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी।
पुलिस कार्रवाई और जांच की स्थिति
घटना की सूचना मिलते ही टेकारी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। मृतक के पिता अनिल पासवान की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज भेज दिया है और फायरिंग करने वाले शख्स की पहचान में जुट गई है।
हर्ष फायरिंग का प्रचलन और इसके परिणाम
बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हर्ष फायरिंग की घटनाएं आम होती जा रही हैं। शादियों और अन्य खुशी के अवसरों पर फायरिंग करना एक खतरनाक चलन बन गया है, जो कई बार लोगों की जान पर भारी पड़ता है। इस घटना में कुंदन जैसे युवा की मौत ने फिर से इस प्रथा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर्ष फायरिंग न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह सुरक्षा और शांति के लिए गंभीर खतरा भी है। कई बार ऐसे मामलों में गोली चलाने वाले व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल हो जाता है, जिससे न्याय में देरी होती है।
परिवार पर गहरा आघात
कुंदन की मौत ने उसके परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है। उसकी बहन, जिसके तिलक के लिए वह आया था, का विवाह समारोह अब अनिश्चितता में है। परिवार के लोग इस दुखद घटना के लिए दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
सरकार और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हर्ष फायरिंग करने वालों के खिलाफ कठोर दंड और इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। समाज को भी इस खतरनाक चलन को खत्म करने के लिए जागरूक होना होगा। गया के खड़गपुरा गांव में तिलक समारोह में हुई हर्ष फायरिंग ने एक परिवार की खुशियों को गम में बदल दिया। कुंदन की मौत ने न केवल इस प्रथा के खतरों को उजागर किया है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता पर भी सवाल खड़े किए हैं। अब जरूरत है कि इस घटना से सबक लिया जाए और इस चलन पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।