PATNA : बाबूचक में 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन का भंडारे के साथ हुआ समापन
पटना, (अजीत)। कार्तिक मास के एकादशी के अवसर पर बाबूचक में 24 घंटे का अखंड हरीकृतन का शुक्रवार को भव्य भंडारे के साथ समापन हो गया। समाजसेवी प्रसिद्ध यादव ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य समभाव, शुद्ध चित्त, आपसी प्रेम सद्भाव के लिए किया गया है। आज जहां लोग अन्य तरह की दूषित संगति से लोगों को जीना दूभर कर दिया। ऐसे आयोजनों से आपसी सहयोग प्रेम बढ़ता है। इस कीर्तन में दर्जनों गांवों बाबूचक, अंडा पकौली, मंझौली, कोठियां, महम्मदपुर, कोरजी, चकमुसा, जमालुद्दीनचक, बसन्तचक, बोधगवां के कीर्तन मंडलियों ने भाग लिया। इसमें महिला मंडली भी शामिल थी। कीर्तन समापन के बाद लज़ीज़ व्यंजनों के भंडारे का आयोजन हुआ। 24 घण्टे में रामचरित मानस का पाठ भी हुआ। पाठ करने वाले प्रसिद्ध यादव ने मानस के दो प्रसंगों को झकझोर देने वाला बताया। एक श्रवण कुमार द्वारा मातृ पितृ की अगाध सेवा जब राजा दशरथ द्वारा श्रवण कुमार को अनजाने में वध कर देते हैं। दूसरा माता जानकी को बचाने के लिए गिद्धराज जटायु अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं। यह प्रसंग पढ़ते सुनते समय ग्रामीण भाव विहल हो गए। ऐसे अनेक प्रसंग गुहराज निषाद, माता शबरी की जूठी बेर, कोलभील द्वारा स्वागत और श्रीराम द्वारा भरत को श्रेष्ठ भाई का दर्जा दिया। वही हनुमान जी की सेवा, निष्ठा भी अद्वितीय है। भुअन में नहीं भरत सम भाई के प्रति प्रेम का उत्तम प्रसंग लगा। नवधा भक्ति का मर्म श्रीराम शेबरी को बताते हुए कहा है कि प्रथम भक्ति संतन के संगा नवम भक्ति को आदमी के सरल स्वभाव और छल कपट रहित बताया है। मित्रता के बारे में श्रीराम सुग्रीव से कहते हैं कि जो मित्र के दुख से दुखी नही होता है उसे भारी पातक लगता है। मानस की जो व्यवहारिक ज्ञान है वो ग्रहणीय है। आयोजक देवेंद्र राय और उनके सुपुत्रों सुनील कुमार, सरोज कुमार वीरेन्द्र कुमार द्वारा ग्रामीणों में खुशहाली तरक्की की प्रार्थना के साथ आयोजन में सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया। इसके व्यवस्थापक प्रसिद्ध यादव, अर्जुन प्रसाद, अरुण, रामजी राय, प्रदीप कुमार, ललित राय गुड्डू कुमार अतिथियों के स्वागत किया।