January 13, 2025

बिहार के 13 विश्वविद्यालय में नहीं मिला 3500 अतिथि शिक्षकों को वेतन, विभाग ने फ्रिज किया है अकाउंट

पटना। बिहार के 13 सामान्य विश्वविद्यालयों के 3500 अतिथि शिक्षकों के वेतन पर संकट पैदा हो गया है। शिक्षा विभाग की तरफ से वेतन बंद करने के बाद अतिथि शिक्षकों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है। विश्वविद्यालयों का कहना है कि उनके पास हर महीने अतिथि शिक्षकों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। दो महीने पहले उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा था कि अतिथि शिक्षकों को आंतरिक स्त्रोत से ही वेतन देंगे। शिक्षा विभाग अब अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं देगा। इसके बाद वेतन की समस्या खड़ी हो गई है। बीआरएबीयू में 700 शिक्षकों के पद खाली हैं, जिनमें 400 अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अतिथि शिक्षकों को हर महीने 50 हजार रुपये मानदेय दिये जाते हैं। बीआरएबीयू में 418 अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इन शिक्षकों को मार्च और अप्रैल का वेतन नहीं मिला है। बीआरएबीयू के अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ। ललित किशोर ने बताया कि फरवरी तक का वेतन मिला है। शिक्षा विभाग की तरफ से वेतन नहीं मिलने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अतिथि शिक्षकों में भी आक्रोश है। शिक्षक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इस सरकार को तुरंत विचार करना चाहिए। हमलोग जल्द ही इस बारे में सरकार से मिलकर बात करेंगे। बीआरएबीयू में आर्ट्स विषय में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति बीच में ही रुक गई है। विश्वविद्यालय के पास पैसे नहीं होने से यह नियुक्ति प्रक्रिया अटकी हुई है। इससे पहले जनवरी में कॉमर्स और विज्ञान विषय में 222 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इन शिक्षकों को भी हर महीने वेतन नहीं मिल रहा है। इनमें से कई ने निजी क्षेत्र की नियमित नौकरी छोड़कर अतिथि शिक्षक के तौर पर ज्वाइन किया था। बीआरएबीयू में अतिथि शिक्षकों को आंतरिक स्त्रोत से राशि देने में हर महीने दो करोड़ खर्च होंगे। विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इतनी राशि विश्वविद्यालय हर महीने खर्च नहीं कर सकता है। आंतरिक स्त्रोत से इतनी राशि खर्च होने पर कॉलेजों के पास कुछ नहीं बचेगा। दो करोड़ खर्च किया जाये तो विश्वविद्यालय कंगाल होने की स्थिति में पहुंच जायेगा।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed