जीएसटी बकाए को लेकर 12 राज्यों ने केंद्र को लिखा त्राहिमाम संदेश,कहा वेतन देने तक को पैसा नहीं
नई दिल्ली।वैश्विक महामारी कोरोना तथा उसको लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बाद देश में कई राज्यों की अर्थव्यवस्था इतनी चरमरा गई है की अब वे अपने राज्यों में वेतन भुगतान करने में भी सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।जीएसटी में अपने बकाया राशि के भुगतान को लेकर कई राज्यों ने केंद्र को त्राहिमाम संदेश भेजा है। केंद्र को संदेश भेजने वाले राज्य में महाराष्ट्र,पंजाब,कर्नाटक,त्रिपुरा,उत्तर प्रदेश,तेलंगाना,कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्य शामिल है।जिन्होंने लिखा है कि वित्तीय हालत खराब होने की वजह से कॉलेज और यूनिवर्सिटी की टीचर स्टाफ को सैलरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है।इतना ही नहीं महाराष्ट्र,पंजाब,कर्नाटक तथा त्रिपुरा ने तो यहां तक कहा है कि राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों को भी समय पर वेतन नहीं दे पा रहे हैं। इन सभी राज्यों ने अपने प्रदेशों की खराब आर्थिक हालत के पीछे केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इन राज्यों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार इस वर्ष के अप्रैल माह से इन्हें जीएसटी मद की बकाया राशि की भुगतान नहीं कर रही है।जिससे प्रदेश में व्यवस्था के संचालन में दिक्कतें आ रही हैं।आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन सभी राज्यों के द्वारा इस मुद्दे को उठाया जाएगा।जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों की उम्मीद है।जबकि भाजपा शासित राज्यों को उम्मीद है कि उन्हें बिना शर्त राजकोषीय घाटे की लिमिट बढ़ाने की अनुमति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में राज्यों की अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई है।कई राज्यों के सामने आर्थिक संकट ऐसा है कि वे कुछ नए खर्चे के बारे में निर्णय नहीं कर पा रहे हैं।क्योंकि कोरोना की वजह से उन्हें अपने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अधिक धनराशि व्यय करनी पड़ रही है।जीएसटी से होने वाली आय घटने के अलावा राज्य उत्पाद शुल्क और स्टांप शुल्क में भी आई कमी भी बड़ी वजह है। जिससे राज्यों की हालत खराब है।