नियोजित शिक्षकों का पटना में महाजुटान, सक्षमता परीक्षा के विरोध में 16 फरवरी को धरना-प्रदर्शन
पटना। नियोजित शिक्षकों से जुडी एक बड़ी जानकारी राजधानी पटना से आ रही है। जहां प्राथमिक शिक्षक संघ ने सक्षमता परीक्षा के विरोध में निर्णय लिया है की आगमी 16 फरवरी को सरकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। दरअसल, आज एग्जीबिशन रोड स्थित बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ भवन मंअ तमाम शिक्षक संगठनों की बैठक हुई। वही इस बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि इस लोकतंत्र में जहां शिक्षकों में सबसे अधिक लोकतांत्रिक व्यवस्था होनी जरूरी है, वहीं सरकार शिक्षकों के साथ अलोकतांत्रिक व्यवहार कर रही है। सरकार के तानाशाही फैसलों के खिलाफ अब सभी शिक्षक एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे। बृजनंदन शर्मा ने कहा कि 1968 में उन लोगों ने लड़ाई लड़ी थी और कोठारी कमीशन आया था। उस समय सभी शिक्षकों को सरकारी किया गया था और सरकारी वेतनमान तय किया गया था। साल 2006 से ही वह लोग नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार बार-बार शिक्षकों के लिए छोटी-मोटी घोषणा करके इसे टालती रही है।
आज अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर सरकार के अधिकारी कार्रवाई करने की बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा की सरकार के अधिकारियों को जो करना है करें अब शिक्षक इस अलोकतांत्रिक रवैया के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव नागेंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी नियोजित शिक्षकों की गुणवत्ता को संदेह में रखते हुए कई परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी है। दक्षता परीक्षा भी BSEB ने लिया था और सभी शिक्षक पास हुए थे। आज ऑनलाइन परीक्षा की नियोजित शिक्षकों के लिए बात सरकार कर रही है। यह नियोजित शिक्षकों को सरकार की ओर से नीचा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। बिहार के अधिकांश शिक्षक कंप्यूटर के बारे में जानते नहीं है क्योंकि ना तो सरकार ने कंप्यूटर का कोई ट्रेनिंग उपलब्ध कराया है ना ही कभी कंप्यूटर से वह अवगत हुए हैं।