बाल दिवस पर प्रदेश के हर गांव में बाल पंचायत का आयोजन करेगी बिहार सरकार, सामाजिक समस्याओं पर लोगों को करेगी जागरूक
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को अब अचानक से महापुरषों की यदि आने लगी है। कुछ दिन पहले वो पंडित दिलदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में पहुंचे तो अब करीब 18 साल बाद उनका कांग्रेस प्रेम नजर आ रहा है। बिहार सरकार ने यह फैसला किया है कि- अब राज्य में जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर गांव में बाल सभा आयोजित करवाया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से बाल विवाह, नशाबंदी और दहेज़ प्रथा को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। बिहार में नीतीश कुमार 18 सालों से सत्ता की कुर्सी पर है और अबतक उन्होंने सरकारी स्तर पर ग्रामीण इलाकों में नेहरू जयंती के मौके पर किसी तरह के कार्यक्रम करने का आदेश का निर्णय नहीं लिया था। हालांकि, राजधानी पटना में राजकीय समारोह होता है और उसमें सीएम शिरकत भी करते हैं। लेकिन, ग्रामीण इलाकों में सरकार के तरफ से अबतक कोई कार्यक्रम नहीं करवाया गया है। लेकिन, अब पंचायती राज विभाग के तरफ से एक पत्र जारी किया गया है। जसिमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि बाल दिवस के मौके पर ग्रामीण इलाकों में बाल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव मिहिर सिंह और केके पाठक ने संयुक्त रूप से यह चिट्ठी लिखी है। जिसमें लिखा गया है कि राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत के एक स्कूल में बाल सभा आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम के लिए स्कूल चयन करने में इस बात का ध्यान रखा जाए कि चयनित स्कूल में आयोजन से संबंधित सुविधाएं जैसे कि बैठने के लिए पर्याप्त जगह, रोशनी, आने-जाने का रास्ता आदि उपलब्ध हो। राज्य सरकार के तरफ से ग्राम पंचायत के 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे-बच्चियां शामिल होंगे। साथ ही सभा में ग्राम पंचायत एवं ग्राम कचहरी स्तर पर निर्वाचित सभी जनप्रतिनिधि, विद्यालय प्रबंधन समिति के सभी सदस्य एवं बच्चों के माता-पिता या अभिभावक भी भाग लेंगे। डीएम को लिखे गए चिट्ठी में कहा गया है कि बाल सभा का फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी अनिवार्य रूप से कराया जाए। सभी ग्राम पंचायत बाल सभा में लिए गए निर्णय को ग्राम पंचायत विकास योजना के निर्माण के लिए विशेष ग्राम सभा में शामिल कर पारित कराना है। उधर, सरकार के इस निर्णय को लोकसभा चुनाव के पहले एक अलग नजरिया से देखा जा रहा है। अब यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि, पिछले 18 से आखिर सरकार इस तरह के कार्यक्रम क्यों नहीं करवा रही थी ? वर्तमान में जब लोकसभा चुनाव का समय नजदीक है तो फिर चाचा नेहरू की जयंती पर स्कूलों में ही नहीं बल्कि हर पंचायत में बाल दिवस को बड़े जोश के साथ मनाने के पीछे की वजह क्या है।