गंगा व पुनपुन नदी का पानी नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में किया प्रवेश, लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश
फतुहा। जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से गंगा व पुनपुन नदी का पानी नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नौ व दस में प्रवेश कर गयी है। यह नगर परिषद क्षेत्र का वह इलाका है, जो पूर्णतः गंगा व पुनपुन नदी के तराई क्षेत्र में घनी आबादी के साथ बसा है। इन वार्डो में पानी जमीन की सतह से करीब दो फीट ऊपर से बह रही है। घनी आबादी के कारण इस वार्ड क्षेत्र के कई मकान पानी से घिर चुके हैं। इस स्थिति में मकानों से लोगों को निकलना मुश्किल हो गया है। लोग अपने अपने घरों के सामने घर से निकलने के लिए बांस की चचरी पुल बनाने लगे हैं। कुछ जगहों पर चचरी पुल बनकर तैयार है। दूसरी तरफ कटैया घाट के उपर सड़क पर बहते पानी जस की तस बनी हुई है। त्रिवेणी संगम पर गुम्बद अब भी पानी से घिरे पडे हैं। मस्ताना घाट की स्थिति यह है कि गंगेशवर नाथ की मंदिर के चबूतरा के उपर से पानी बह रही है तथा पानी आढत के सीढी तक पहुंच गई है। मंगलवार को भी पुनपुन खतरे के निशान से ऊपर बहती नजर आयी है। स्थानीय प्रशासन की माने तो परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है।
पूनाडीह पंचायत के पीड़ितों का गुस्सा फूटा
उधर फतुहा के पूनाडीह पंचायत के पीड़ितों का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा। अपने गांव में इनलोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया एवं सरकार से राहत कार्य चलाने की अपील की। नेतृत्वकर्ता समाजसेवी रोशन राजा ने बताया कि बाढ़ के कारण पिछले एक सप्ताह से सुकुलपुर, रायबाग, पूनाडीह, निजामपुर, हनुमान चक आदि गांवों की हालत खराब है, सैंकड़ों एकड़ किसानों की धान की फसल नष्ट हो चुकी है, पशु चारा नहीं मिल रहा, घरों के आसपास और सड़कों पर पानी ही पानी है। लेकिन कहीं से भी अब तक राहत कार्य धरातल पर नहीं है। पीड़ित किसान संजीत कुमार, अनिल कुमार, जगन्नाथ सिंह, युगलकिशोर सिंह, सुजय कुमार, होरिल सिंह आदि ने बताया कि यदि जल्द राहत कार्य नहीं चलाई जाएगी तो हमलोग सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।