गांधी का ग्राम स्वराज बन कर रह गई है आज मात्र एक कोरी कल्पना : कांग्रेस
भागलपुर। बिहार कांग्रेस के रिसर्च विभाग द्वारा बिहार पंचायत चुनाव के मद्देनजर तैयार किया गया ‘16 साल की यात्रा: विकेन्द्रीकरण से तबाही तक’ नामक डॉक्यूमेंट का विमोचन भागलपुर कांग्रेस कमेटी के जिला मुख्यालय में किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष परवेज आलम ने की। इस अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता एवं रिसर्च विभाग तथा मैनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन आनन्द माधव ने कहा कि जिस उदेश्य के लिए पंचायती राज की कल्पना हमारे बापू महात्मा गांधी ने की थी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जिन्हें साकार करने का प्रयास किया था, वह अब भी अधूरा है। ग्राम स्वराज एक कोरी कल्पना रह गई है। सत्ता का विकेन्द्रीकरण की जगह केन्द्रीकरण हो रहा है। पंचायत प्रतिनिधि अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं। रिसर्च विभाग द्वारा तैयार किया यह दस्तावेज पार्टी पूरे राज्य के गांव गांव में पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह मानना है कि जो निर्णय जिस वर्ग को प्रभावित करे, वह निर्णय उसी स्तर पर लिया जाना चाहिए, लेकिन वास्तव में हो कुछ और रहा है। सारे निर्णय दिल्ली या पटना के स्तर पर होते हैं और उसे पंचायत प्रतिनिधियों पर थोप दिया जाता है। दल के कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुये उन्होंने अपील की कि वे पंचायत चुनाव में बढ़ चढ़ कर भाग लें तथा सही उम्मीदवार को विजय बनानें की पहल करें।
वहीं अपने स्वागत भाषण मे बोलते हुए जिलाध्यक्ष परवेज आलम ने कहा कि इस दस्तावेज में हमारा प्रयास यह दर्शाने का रहा है कि किस तरह से सोलह साल में वर्तमान सरकार ने विकेंद्रीकरण के नाम पर तबाही को ही अंजाम दिया है। गांधी जी के स्वशासन की कल्पना सिर्फ कोरी कल्पना ही रह गई है, क्योंकि उनका मानना था कि सुशासन कभी भी स्वशासन के बिना आ नहीं सकता है। यह सुशासन नहीं कुशासन है, जो हर चीज को लाभ की दृष्टि से देखती है। पंचायत हमारी बुनियाद है, जो खोखली होती जा रही है।
इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष अभ्यानंद झा, नगर अध्यक्ष सौरभ पारिख, रवीन्द्र यादव, सौईन अंसारी, महिला उपाध्यक्ष, सुनंदा रक्षित, इंटक के प्रदेश महासचिव, ओमप्रकाश उपाध्याय, विनय कुमार मिश्रा, रिसर्च विभाग के क्षेत्रिय कोआर्डिनेटर, एनपी सिंह, अंबर इमाम, विजय सिंह कुशवाहा, प्रपुण प्रताप यादव, राजेश वर्मा, संदीप श्रीवास्तव, भानू प्रताप, अक्षय झा आदि उपस्थित रहे।