गजेंद्र झा ने अपने विवादित का किया समर्थन, बोले- माफ़ी मागें तो मैं भी उनके भोज में भी जाऊंगा
पटना। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के विवादित बयान के बाद उनका जीभ काटने की बात करने वाले BJP से निष्कासित नेता गजेंद्र झा ने पुरानी बातों को दोहराते रहे और उन्होंने कहा, ‘आज भी अपने उसी स्टैंड पर कायम हूं, जो पहले कहा था। गजेंद्र झा ने कहा मांझी ने यह पहली बार गलती नहीं की है। पहले भी उन्होंने राम के अस्तित्व को नकारा था। फिर उन्होंने हिंदू के अस्तित्व को नकारा और अब वह ब्राह्मण समाज को गाली दे रहे हैं। ऐसे में मांझी के इस बयान को कोई भी सनातनी धर्म को मानने वाला व्यक्ति बर्दाश्त नहीं करेगा। वह बिना शर्त माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ आंदोलन होगा। 27 दिसम्बर को जीतनराम मांझी के ब्राम्हण दलित एकता भोज पर झा ने कहा, ‘उस भोज में जाने वाले ब्राह्मण अपने धर्म, अपने कुल की मर्यादा को नष्ट करेंगे।
माफ़ी मागें तो मैं भी उनके भोज में भी जाऊंगा : गजेंद्र झा
जीतनराम मांझी बिना शर्त माफी मांग लेते हैं तो 27 दिसंबर को होने वाले उनके भोज में मैं भी जाऊंगा। उनके साथ मैं भी खाना खा लूंगा, लेकिन जब तक माफी नहीं मांगेंगे तब तक उनके इस भोज का निमंत्रण कोई भी ब्राह्मण स्वीकार नहीं करेगा।
निष्कासन से दुखी हूं: गजेंद्र झा
उन्होंने कहा की मैंने बिना कोई लोभ लालच, बिना कोई पद की लालसा लिए हुए यह बयान दिया था। मैंने भारतीय जनता पार्टी से कभी कोई भी पद पाने की इच्छा नहीं रखी थी। मैं संघ परिवार से जुड़ा हुआ हूं। बचपन से संघ परिवार को देखा है। जब मुझे निष्कासित किया गया तो मैं दुखी हो गया। पार्टी में ही रहकर मैंने सीखा है कि पहले देश, उसके बाद समाज, लेकिन मैंने अपने समाज की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है।
18 दिसंबर को मांझी ने दिया था विवादित बयान
बता दें, 18 दिसंबर को पटना में भुइयां समाज के कार्यक्रम में मांझी ने ब्राह्मण समाज के लिए बहुत गलत भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था, ‘दलित समाज में आजकल सत्य नारायण भगवान की पूजा का प्रचलन काफी तेज हो गया है। जगह-जगह ब्राह्मण जाकर सत्य नारायण भगवान की पूजा कराते हैं। हमारे समाज में ब्राह्मण जाते हैं, लेकिन खाना नहीं खाते हैं। सिर्फ पैसा लेते हैं। मांझी के इस बयान के झा ने उनका जीभ काटने वालों को 11 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की थी। इसके बाद BJP ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है।