December 27, 2024

पटना में विदेश भेजने के नाम पर ठगी; कंपनी ने करोडो लूटे, 8 लोगों ने की धोखाधड़ी

पटना। पटना में विदेश जाने का सपना देखने वाले हजारों लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है। एक निजी कंपनी ने विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की और फिर अचानक गायब हो गई। इस घटना ने उन लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिन्होंने अपने बेहतर भविष्य के सपने के लिए इस कंपनी पर भरोसा किया था। ठगों ने न सिर्फ लोगों से पैसे ऐंठे, बल्कि उनके पासपोर्ट भी ले लिए, जो अब गायब हैं। पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र में इस घटना को लेकर मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। घटना की शुरुआत तब हुई जब पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी कंपनी ने लोगों को विदेश भेजने का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी की। गोपालगंज के प्रमोद कुमार कुशवाहा, जो सऊदी अरब और दुबई में पहले काम कर चुके हैं, इस ठगी के शिकार हुए। प्रमोद ने बताया कि वे पिछले छह महीने से घर पर थे और इसी दौरान उनके गांव में एक गाड़ी आई, जिसने विदेश भेजने का प्रचार किया। गाड़ी से एक पंपलेट भी बांटा गया, जिसमें एक व्हाट्सएप नंबर दिया गया था। प्रमोद ने इस नंबर पर संपर्क किया और अपने सारे दस्तावेज भेजे। दस्तावेजों की वैरिफिकेशन के बाद उन्हें 5 सितंबर को पासपोर्ट पटना के दफ्तर में जमा करने के लिए बुलाया गया। हालांकि, 9 अक्टूबर तक कंपनी से बातचीत चलती रही, लेकिन इसके बाद कंपनी के संपर्क नंबर बंद हो गए। प्रमोद और अन्य पीड़ित जब कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो वहां ताला लटका हुआ मिला। इसके बाद पीड़ितों ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई। इस कंपनी का कार्यालय पटना के महाराजा कॉम्प्लेक्स के तीसरे तल्ले पर था। जांच के दौरान पता चला कि इस फर्जी कंपनी ने विदेश मंत्रालय के प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स (पीओआई) का नाम इस्तेमाल कर लोगों को विदेश भेजने का झांसा दिया था। पीओआई की छापेमारी में भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, नकली ऑफर लेटर और फर्जी मेडिकल रिपोर्ट्स जब्त की गईं। कंपनी द्वारा इस्तेमाल किए गए फर्जी दस्तावेजों ने लोगों को विश्वास में लिया और उनसे पासपोर्ट और बड़ी रकम वसूल की गई। इस ठगी के शिकार लोग न केवल अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठे हैं, बल्कि उनके पासपोर्ट भी गायब हो गए हैं। पासपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का गायब होना लोगों की चिंताओं को और बढ़ा रहा है। पीड़ितों को इस बात का डर है कि उनके पासपोर्ट का किसी अन्य अवैध गतिविधि में उपयोग न किया जाए। इस घटना से साफ हो जाता है कि विदेश भेजने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों का जाल कितना बड़ा है। सरकारी एजेंसियों को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और उनके पासपोर्ट वापस दिलाए जा सकें। इसके अलावा, इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को सचेत रहना जरूरी है। विदेश जाने की प्रक्रिया के दौरान उन्हें केवल मान्यता प्राप्त एजेंसियों और कंपनियों से ही संपर्क करना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या संबंधित विभाग को देनी चाहिए। यह मामला केवल पटना तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे बिहार और अन्य राज्यों में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार को इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की आवश्यकता है। अंततः, यह घटना एक चेतावनी है कि विदेश जाने के सपने को पूरा करने के लिए सतर्कता और जांच-पड़ताल जरूरी है। ऐसे ठगों से सावधान रहना और उनके झूठे वादों पर विश्वास न करना ही इस तरह की घटनाओं से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।

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