जन औषधि केंद्र खोलने के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर हो रही लाखों की ठगी, रहें सावधान
पटना। जन औषधि केंद्र खोलने के नाम पर जालसाज लोगों से ठगी कर रहे हैं। इसके लिए जालसाज छह फर्जी वेबसाइटों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर में ऐसे मामलों का खुलासा हुआ है। मामला संज्ञान में आने के बाद केंद्रीय औषधि विभाग के तहत कार्य करने वाली एजेंसी फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है। पीएमबीआई प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी है। लोगों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए खुलने वाले जन औषधि केंद्र के नाम पर फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आने पर पीएमबीआई ने स्वास्थ्य विभाग को छह फर्जी वेबसाइट की सूची भेजी है। साथ ही जन औषधि परियोजना से जुड़े तमाम कार्यों के लिए पीएमबीआई की आधिकारिक वेबसाइट www. janaushadhi.gov. in का उपयोग करने की हिदायत दी गई है। वही यह भी शिकायतें मिली हैं कि जालसाज जन औषधि केंद्र खोलने के नाम पर लोगों से रुपये की उगाही के लिए पीएमबीआई की आधिकारिक वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएमबीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने पत्र में कहा है कि जालसाज आधिकारिक वेबसाइट से मिलती-जुलती छह फर्जी वेबसाइट संचालित कर रहे हैं। ठगी के उद्देश्य से उस पर आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदकों को झांसे में फांसकर मोटी रकम की उगाही कर रहे हैं।
केंद्र खोलने के नाम पर पांच-पांच हजार रुपये की वसूली
जानकारी के अनुसार, जालसाज केंद्र खोलने के नाम पर लोगों से पांच-पांच हजार रुपये की वसूली करते हैं। इसके लिए वेबसाईट पर आवेदन मंगाये जाते हैं। आवेदन को प्रक्रियाधीन बताकर लोगों से आवेदन शुल्क के नाम पर पांच हजार रुपये की डिमांड की जाती है। इस परियोयोजना के तहत जिलों में तेजी से जन औषधि केंद्र खुल रहे हैं। इसे देखते हुए जालसाजों ने अपना जाल बिछाया है। जन औषधि केंद्र पर आठ हजार तरह की जेनरिक दवाओं की बिक्री की जाती है। विक्रेता को बीस प्रतिशत कमीशन मिलता है। दुकान के लिए डेढ़ लाख रुपये खर्च करने होते हैं।