मुजफ्फरपुर में मूर्ति विसर्जन के दौरान चार लोग नदी में डूबे, 2 लापता, तलाश जारी
मुजफ्फरपुर। रविवार देर रात मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र के रामनगरा गांव में एक दुखद घटना घटी, जब कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मूर्ति विसर्जन के दौरान चार लोग लखनदेई नदी में डूब गए। सैकड़ों की संख्या में लोग मूर्ति विसर्जन के लिए नदी की ओर जा रहे थे, लेकिन इस दौरान चार युवक अचानक गहरे पानी में चले गए, जिससे स्थिति गंभीर हो गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत हरकत में आते हुए उनमें से दो लोगों को किसी तरह बचा लिया। हालांकि, बाकी दो युवक लापता हो गए। सोमवार सुबह एक युवक का शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान 20 वर्षीय पंकेश कुमार के रूप में हुई है। पंकेश स्नातक का छात्र था और अपने उज्ज्वल भविष्य के सपनों को लेकर मेहनत कर रहा था। दूसरी ओर, 18 वर्षीय अंशु कुमार अब भी लापता है। अंशु आईटीआई का छात्र है और उसकी परीक्षा भी इसी दिन थी, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा उसके जीवन के लिए एक बड़ा संकट बन गया। घटना के प्रत्यक्षदर्शी मुकुल कुमार ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान सैकड़ों लोग नदी की ओर बढ़ रहे थे। इसी बीच, अचानक चार युवक गहरे पानी में चले गए और उनकी चीखें सुनाई देने लगीं। मौके पर उपस्थित लोग तेजी से मदद के लिए आगे बढ़े और किसी तरह दो लोगों को बचा लिया, लेकिन अंशु और पंकेश को बचाया नहीं जा सका। औराई थाना के अध्यक्ष रुपक ने बताया कि घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचित किया गया और बचाव कार्य में जुट गई। सुबह पंकेश का शव बरामद होने के बाद परिवार में मातम पसर गया है, जबकि अंशु की तलाश अब भी जारी है। स्थानीय प्रशासन ने एसडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया है, जो नदी में तलाशी अभियान चला रही है। इस घटना ने गांव और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर पैदा कर दी है। लोग इस हादसे से सदमे में हैं और परिवारों के दुख में शामिल हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी प्रकार के धार्मिक या सामाजिक समारोह के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखें। इस हादसे ने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी कितना घातक हो सकती है। मूर्ति विसर्जन के दौरान होने वाली इस तरह की दुर्घटनाएं अक्सर सुनने में आती हैं, और यह घटना हमें याद दिलाती है कि ऐसे आयोजनों के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की होती है। अब भी अंशु की तलाश जारी है, और सभी की निगाहें इस उम्मीद पर टिकी हैं कि वह सुरक्षित मिल जाए। लेकिन पंकेश की असमय मौत ने उसके परिवार और समुदाय को गहरे दुख में डाल दिया है, और यह एक ऐसा घाव है जो कभी नहीं भर पाएगा।