February 22, 2025

पटना में चार नाबालिक छात्राएं लापता, पुलिस प्रशासन में हड़कंप, स्कूल गई पर वापस नहीं लौटी

पटना। पटना में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां बाढ़ और भदौर थाना क्षेत्र से चार नाबालिग छात्राओं के लापता होने की खबर ने पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। इन छात्राओं की उम्र 12 से 14 वर्ष के बीच बताई जा रही है। घटना के बाद पीड़ित परिजनों ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, बाढ़ के एनएच किनारे स्थित एक विद्यालय में पढ़ने जाने वाली तीन छात्राएं बुधवार की दोपहर स्कूल गई थीं, लेकिन शाम तक वे घर वापस नहीं लौटीं। इसके बाद परिजनों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया, लेकिन कहीं भी उनका पता नहीं चला। जब परिजनों को कुछ भी जानकारी नहीं मिली, तो वे थाने पहुंचे और वहां लिखित शिकायत दर्ज कराई। एक परिजन ने बताया कि जब वे स्कूल पहुंचे तो पता चला कि बच्ची स्कूल आई ही नहीं थी। इसके अलावा, एक अन्य परिजन ने बताया कि सरस्वती पूजा के दौरान उनकी पत्नी के मोबाइल पर एक युवक का कॉल आया था, जिस पर उन्होंने अपनी बेटी को भगाने का आरोप लगाया है। इसी बीच, भदौर थाना क्षेत्र के अजगरा गांव की एक 14 वर्षीय छात्रा के साथ भी एक चिंताजनक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि यह छात्रा पूल पर टहलने गई थी, जहां उसे अगवा कर लिया गया। इस मामले ने भी पुलिस को सतर्क कर दिया है, और वे इसकी जांच में जुट गई हैं। एक साथ चार नाबालिग छात्राओं के लापता होने की घटना ने पटना के पुलिस प्रशासन को हिला दिया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे सभी संभावित सुरागों पर काम कर रहे हैं और जल्द से जल्द लापता छात्राओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी चिंता और डर का माहौल पैदा कर दिया है। अभिभावकों ने अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने स्कूल प्रशासन से भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की अपील की है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही इसका हल निकालने की कोशिश करेंगे। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने का आग्रह किया है। इस घटना ने एक बार फिर समाज में बच्चों की सुरक्षा और उनके संरक्षण के मुद्दे को गंभीरता से उठाया है।

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