पटना : निगरानी कोर्ट का सात साल बाद आया फैसला, पूर्व सब इंस्पेक्टर के 4.52 करोड़ की अवैध संपत्ति होगी जब्त

पटना । निगरानी कोर्ट के प्राधिकृत पदाधिकारी पटना दीपक कुमार ने गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया। निगरानी कोर्ट ने परिवहन विभाग के पूर्व सब इंस्पेक्टर अर्जुन प्रसाद की ओर से आय से अधिक अर्जित 4 करोड़ 52 लाख 28 हजार रुपये की अवैध संपत्ति को सरकार के पक्ष में जब्त करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने प्रतिवादी अर्जुन प्रसाद, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी, बेटे संजय कुमार, बेटा संतोष कुमार व बहू सुधा देवी, प्रीति देवी व एक पोता शुभम कुमार को निर्देश दिया कि उसके पास पाई गई अवैध संपत्ति को पटना डीएम को 30 दिनों के भीतर सौंप दें। साथ ही अवैध संपत्ति को सरकार के पक्ष में जब्त करने का निर्देश पटना डीएम को दिया है।

निगरानी के विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार ने बताया कि परिवहन विभाग के पूर्व इंस्पेक्टर अर्जुन प्रसाद के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने वर्ष 2013 में आय से अधिक अर्जित संपत्ति का मामला दर्ज किया था। इसी मामले की जांच के दौरान निगरानी ने आरोपित अर्जुन प्रसाद के घर पटना दीघा के रामजीचक मुहल्ले स्थित आलीशान मकान में छापेमारी की थी।

इस दौरान उनके घर से चल व अचल अवैध संपत्ति के कागजात और कई फिक्स डिपॉजिट, एलआईसी, जमीन व मकान के कागज, 15 ट्रक समेत कई समान मिले थे।

आय से अधिक अर्जित संपत्ति के भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच के बाद निगरानी ने पाया था कि अर्जुन प्रसाद अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट तरीके से अपनी पत्नी, दो पुत्र, दो पूत्रवधु और एक पोता के नाम पर चल व अचल संपति अर्जित की है।

आरोपित अर्जुन प्रसाद ने वर्ष 1976 से लेकर 2013 तक अपने पद का जमकर दुरुपयोग कर चल व अचल संपत्ति अर्जित की है। इस मामले में निगरानी ने चार्जशीट दायर किया था।

इस अवैध संपत्ति को सरकार के पक्ष में जब्त करने के लिए बिहार विशेष कानून के तहत निगरानी विभाग के वकील राजेश कुमार ने एक मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे में पक्ष और प्रतिपक्ष की ओर से सुनवाई करने के बाद निगरानी कोर्ट के प्राधिकृत पदाधिकारी ने फैसला दिया।

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