BIHAR : भ्रष्टाचार के खिलाफ पूर्व DGP अभयानंद ने खोला मोर्चा, लोगों को नई सीख दी
पटना। बिहार में बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ पूर्व डीजीपी अभयानंद ने अभियान छेड़ दिया है। वह सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उनकी सोच है कि आने वाले चुनाव में भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा बनाया जा सके। लोग इस मुद्दे पर ही अपना बहुमूल्य वोट दें, अपना जनप्रतिनिधि चुनें। जो नई सरकार बने, वो तेजी से बढ़ते भ्रष्टाचार पर लगाम लगा सके। शनिवार को पूर्व डीजीपी ने एक नया पोस्ट सोशल मीडिया पर डाला। इसके जरिए उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के दिनों को याद करते हुए उससे लोगों को नई सीख दी और नीति व न्यूटन के तीन नियमों की चर्चा करते हुए राजनीतिक पार्टियों के अंदर वर्तमान में चल रही अंतर्कलह पर बड़ा कटाक्ष किया।
पूर्व डीजीपी अभयानंद की पोस्ट पढ़िए
‘पुरानी सीख, नई सोच’
प्राशिक्षण से गुजर रहा था। प्रतिदिन पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में थोड़ी देर उनके साथ बैठता था। उनके पास आए सभी कागजात, जो उनके अवलोकन के लिए आते थे। उन्हें देखने के बाद वे उन्हें मेरी तरफ पढ़ने के लिए बढ़ा देते थे। कुछ दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा। एक दिन मैंने उनसे कौतूहलवश पूछ डाला कि मैंने देखा है कि कुछ थानों से आम लोगों की शिकायतें अधिक आती हैं तो कुछ से बिलकुल नहीं आतीं। इसका क्या अर्थ होगा? मुस्कराते हुए उन्होंने कहा, “जो थानेदार अपने थाने की आमदनी का बंटवारा अपने सहकर्मियों में न्यायपूर्वक करता है, उसके थाने से कोई शिकायत का आवेदन प्राप्त नहीं होता है। जहां बंटवारा नीतिगत नहीं होता, प्रत्येक कर्मी अपनी शक्ति के अनुसार लूट-मार करता है, वहां द्वेष और आपसी कलह सतह पर आ जाता है।”
जीवन का एक गूढ़ रहस्य उजागर हुआ। जिन्दगी में आगे इस रहस्य को और सभी क्षेत्रों में लागू करके देखा तो पाया कि इसकी सत्यता न्यूटन के तीन नियमों की तरह ही शाश्वत है। वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों में चल रहे अंतर्कलह पर भी यह नियम उतना ही लागू होता है जितना कि थानों पर।