प्रदेश में वज्रपात के साथ तेज बारिश का पूर्वानुमान: आठ जिलों में ऑरेंज अलर्ट, लोग रहे सावधान

पटना। बिहार में मौसम का मिजाज बदल रहा है। मौसम विभाग ने गुरुवार को राज्य के 8 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 24 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि कुल 32 जिलों में अगले 48 घंटे के भीतर तेज आंधी, बारिश और वज्रपात की संभावना जताई गई है। इन हालातों में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
सुबह से ही बारिश और बादल का असर
गुरुवार की सुबह सुपौल और मधुबनी में बारिश दर्ज की गई, जबकि कटिहार, सहरसा, मोतिहारी और मधेपुरा में बादल छाए हुए हैं। इससे मौसम में ठंडक महसूस की जा रही है। वहीं, पश्चिमी बिहार के कुछ जिलों जैसे कैमूर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर और औरंगाबाद में मौसम फिलहाल सामान्य रहने की संभावना है।
नाउकास्ट अलर्ट और तेज हवाओं की आशंका
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने नाउकास्ट अलर्ट भी जारी किया है। यह अलर्ट कुछ घंटों के भीतर के मौसम की स्थिति को दर्शाता है। इस चेतावनी के अनुसार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल और सीमावर्ती क्षेत्रों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने की आशंका है। लोगों को खुले में न रहने की सलाह दी गई है।
13 अप्रैल तक जारी रहेगा मौसम का असर
मौसम विभाग ने बताया है कि राज्य के कई हिस्सों में 13 अप्रैल तक आंधी और बारिश की स्थिति बनी रह सकती है। इस दौरान हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे लोगों को तेज गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है।
प्रशासन और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दिशा-निर्देश
मौसम विभाग ने जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किए जा सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत और प्रखंड स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए मुनादी, माइकिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देने का सुझाव भी दिया गया है।
किसानों के लिए खास सलाह
तेज हवा और बारिश का असर खेतों पर भी पड़ सकता है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि यदि उनकी फसल कटाई के लिए तैयार है तो उसे तुरंत काटकर सुरक्षित स्थान पर रखें। कटाई के बाद फसल को ढंककर रखने की हिदायत दी गई है, ताकि बारिश से नुकसान न हो। इस प्रकार, आने वाले दो-तीन दिन राज्य में मौसम असामान्य रहेगा, ऐसे में सभी नागरिकों को सतर्क रहने और मौसम विभाग की सलाह मानने की आवश्यकता है।

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