इंटक की बैठक : किसान विरोधी बिल के वापसी के बाद मजदूर विरोधी बिल की वापसी के लिए होगा व्यापक आंदोलन,
नई दिल्ली। नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रीय इंटक की 305 वीं कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्यसभा सांसद डॉक्टर जी संजीवा रेड्डी ने की। बैठक में किसान बिल को वापस लिए जाने के साथ ही कांग्रेस और इंटक के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। बैठक में इंटक राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जी संजीव रेड्डी, महामंत्री संजय सिंह और समस्त देश के हर प्रदेश से हजारों की संख्या में वरिष्ठ इंटक नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम की अगुवाई यूथ इंटक द्वारा संचालित किया गया। कार्यक्रम में नवनियुक्त राष्ट्रीय महामंत्री संजय सिंह का जोरदार स्वागत हुआ।
डॉ. रेड्डी ने कहा कि जिस तरह से केंद्र की भाजपाई सरकार ने किसान आंदोलन के वजह से किसान विरोधी बिल को वापस लिया है, ठीक उसी तरह से आने वाले दिनों में सरकार को मजदूर विरोधी बिल वापस लेने के लिए बाध्य किया जाएगा। आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर तीव्र आंदोलन किया जाएगा, ताकि बहुत जल्द केंद्र सरकार को मजदूर विरोधी बिल को भी वापस लेना पड़े। डॉ रेड्डी ने कहा, किसान आंदोलन के दौरान मजदूर संगठनों ने भी हर संभव आंदोलन की मजबूती में सहयोग किया, जिसका परिणाम सामने है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए हम सबों को और ज्यादा मजबूती के साथ कांग्रेस पार्टी का साथ देना होगा।
मौके पर झारखंड इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने डॉ संजीव रेड्डी के करिश्माई नेतृत्व के प्रति आभार जताते हुए झारखंड के 980 यूनियनों के निबंधन रद्द होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार में पंजीकृत झारखंड के 980 यूनियनों का निबंधन बिहार सरकार ने रद्द कर दिया, जिसके निबंधन वापसी के लिए 2015 से झारखंड इंटक प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी पिछले दिनों मिल गई मिलकर यूनियनों का निबंधन पुन: बहाल करने की मांग की गई, परंतु अब तक यह नहीं हो पाया है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर इसे अविलंब सुलझाने की मांग की।
कार्यकर्म में झारखंड से प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे, यूथ अध्यक्ष रवि चौबे, वरिष्ठ पदाधिकारी बीरेंद्र चौबे, रघुनाथ पांडे, राणा संग्राम सिंह, ललन चौबे, संजीव श्रीवास्तव, टाटा मोटर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह शिव लखन सिंह,शैलेश पांडे, अमित दोसाज, अभिजीत राज आदि शामिल हुए।