भागलपुर में सीएम नीतीश के शराबबंदी की उड़ रही धज्जियां, धड़ल्ले से जारी है होम डिलीवरी
भागलपुर। बिहार में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की कतार लग चुकी है। सारण में कोहराम मचा है जबकि पड़ोस के जिलों में भी मौत हुई है। विधानसभा में मचे सियासी घमासान के बाद अन्य जिलों में भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की गयी। भागलपुर में भी शराब मामले में कई धरपकड़ हाल में हुई लेकिन अगर हकीकत की तरफ झांकें तो मार्च में करीब डेढ़ दर्जन मौत के बाद भी जिले में धड़ल्ले से ये जहर परोसा जा रहा है। भागलपुर जिले में 10 माह में 55 हजार लीटर नकली शराब जब्त किये गये। इसी साल मार्च महीने में जिले में 17 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है लेकिन अभी भी लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। यहां धडल्ले से जहर वाली शराब परोसी जा रही है। जिससे किसी बड़ी अनहोनी की आशंका बनी हुई है।
शराब माफिया परोस रहे नकली शराब
पड़ोसी राज्य झारखंड के सीमाई इलाके एवं शहर से विगत एक वर्ष के दौरान बड़े शराब माफियाओं को बिहार पुलिस एवं उत्पाद विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मार्च माह में दुमका, गोड्डा में छापेमारी हुई थी। जिसमें पुलिस ने नकली शराब बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। पुलिस जांच में जो बातें सामने आयी थी वह चौकाने वाली थी। नकली शराब बनाने वाले तस्कर महंगे शराब के स्टिकर का उपयोग करते हैं। केमिकल युक्त रंग और स्पिरिट से शराब बनाकर उस नकली ब्रांडेड बोतल में वो डाल देते थे। इसे महंगे शराब के नाम पर बेच दिया जाता था। जिसका परिणाम होली के मौके पर साहेबगंज में एक एक कर 17 लोगों की मौत हो गयी थी।
धड़ल्ले से हो रही शराब की होम डिलेवरी
पुलिस दबिश के बावजूद शहरी क्षेत्र में धड़ल्ले से शराब की होम डिलिवरी हो रही है। वहीं कई थाना क्षेत्र में चुलाई शराब चोरी-छिपे बनाकर बेची जा रही है। कभी-कभी शराब पीने वाले पकड़े जाते हैं लेकिन इस धंधे को पसारने वाले कारोबारियों के पकड़े जाने की संख्या काफी कम है।