बीपीएससी परीक्षा में उपद्रव करने वाले अज्ञात 50 लोगों पर एफआईआर, सीसीटीवी से पहचान जारी, जल्द होगी गिरफ्तारी
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा परिसर, कुम्हरार में शुक्रवार को हुए उपद्रव ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। इस घटना को लेकर शनिवार को अगमकुआं थाने में 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिकायत दंडाधिकारी आलोक कुमार सिन्हा (ब्लॉक कोऑपरेटिव ऑफिसर) की ओर से दर्ज कराई गई है। दंडाधिकारी के अनुसार, परीक्षा के दौरान लगभग 1:30 बजे बड़ी संख्या में अज्ञात लोग परीक्षा परिसर के मुख्य द्वार के बाहर एकत्र हो गए और हंगामा करने लगे। उनकी हरकतों से मुख्य सड़क पर यातायात बाधित हो गया। इस जाम के कारण एंबुलेंस, स्कूली बच्चों और अन्य वाहनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हंगामे की वजह से न केवल आम जनता को दिक्कत हुई, बल्कि परीक्षा केंद्र के अंदर परीक्षा संचालन में भी बाधा उत्पन्न हुई। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी स्थिति बिगाड़ने पर उतारू थे। इस घटना के बाद दंडाधिकारी आलोक कुमार सिन्हा ने अगमकुआं थाने में लिखित आवेदन दिया, जिसमें सरकारी काम में बाधा डालने, यातायात बाधित करने और परीक्षा केंद्र पर व्यवधान उत्पन्न करने के आरोप लगाए गए। इसके आधार पर थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने मामला दर्ज किया। थाना प्रभारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी के माध्यम से उपद्रव करने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। हालांकि, घटना के 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि फुटेज के आधार पर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इस हंगामे ने प्रशासन के समक्ष गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में ऐसी घटनाओं से न केवल छात्रों को परेशानी होती है, बल्कि परीक्षा की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े होते हैं। यातायात बाधित होने से आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है और दोषियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा। फिलहाल, सभी संबंधित पहलुओं की जांच की जा रही है ताकि हंगामे के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके। बीपीएससी परीक्षा के दौरान हुए इस हंगामे ने परीक्षा प्रक्रिया की सुरक्षा और सुचारू संचालन पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत कड़ी सजा दी जाए। यह घटना प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौती बन गई है, जिसे निपटाने के लिए कड़ी निगरानी और तत्परता की आवश्यकता है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।