तेजप्रताप और ऐश्वर्या के तलाक मामले पर आज होगा अंतिम फैसला : तलाक की जिद पर अड़े लालू के बड़े लाल, सुलह की सारी कोशिशें नाकाम
पटना। लालू प्रसाद के बेटे वन मंत्री तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के तलाक के मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को होनी है। जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस जितेन्द्र राय की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। बता दें कि तेजप्रताप ने पत्नी से तलाक की अर्जी दे रखी है, लेकिन ऐश्वर्या उनका साथ नहीं छोड़ना चाहती हैं। 13 दिन पहले हुई सुनवाई के समय ऐश्वर्या के वकील पीएन सिन्हा कोर्ट में नहीं आए थे, इसलिए ऐश्वर्या की तरफ से आगे समय मांगा गया था। ऐश्वर्या के वकील के जूनियर निलांजन चटर्जी ने कोर्ट से स्टे चाहा लेकिन कोर्ट ने रिफ्यूज कर दिया था। तेजप्रताप की तरफ से जगन्नाथ सिंह और गजेन्द्र यादव ने कोर्ट से मांग की कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई पूरी की जाए।
5 अगस्त की मीटिंग भी असफल रही थी
हाईकोर्ट ने पहले ही दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की। चैंबर में दोनों को आमने- सामने बैठाकर सवाल-जवाब किया गया, लेकिन तेजप्रताप साथ रहने को तैयार नहीं। इसके बाद कोर्ट ने दोनों परिवारों के बीच पटना जू में मीटिंग कराने की जवाबदेही दोनों पक्षों के वकीलों जगन्नाथ सिंह और पी.एन. शाही को दी। लालू प्रसाद की सेहत खराब होने की वजह से यह मीटिंग नहीं हो सकी। इसके बाद 5 अगस्त को पटना जू में दोनों परिवारों के बीच मीटिंग हुई। इस मीटिंग में तेजप्रताप की तरफ से उनकी मां राबड़ी देवी और ऐश्वर्या की तरफ से उनके पिता चंद्रिका राय पहुंचे। लेकिन मीटिंग इसलिए सफल नहीं हो सकी। राबड़ी देवी ने इसमें कहा कि ‘जब तेजप्रताप ही तैयार नहीं हैं तो हम इसमें क्या कर सकते हैं।
तेजप्रताप ने सोशल मीडिया पर आकर 10 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया था
कुछ सप्ताह पहले तेजप्रताप ने सोशल मीडिया के सामने आकर कहा था कि ऐश्वर्या का पूरा परिवार उन्हें परेशान करने में लगा है और उनसे 10 करोड़ रुपए जैसी बड़ी रकम की मांग की जा रही है। उन्होंने तब यह भी कहा था कि जल्द ही सबूतों के साथ कुछ ऐसे तथ्य सामने लाने वाला हूं जो सभी की आंखें खोल देगा। तेजप्रताप ने कहा था कि ‘ मां से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं होता, मां ईश्वर का ही दूसरा रूप है, जिसके पास मां का प्यार हो उसे कुछ और नहीं चाहिए। लेकिन तब क्या हो जब आपकी आंखों के सामने ही आपकी मां को, परिवार को परेशान किया जाने लगे, उन पर हाथ उठाया जाए, ऐसे में क्या एक बेटे को चुप रहना चाहिए।