पटना पुलिस को मिली सफलता : महिला चोर ने मासूम को डेढ़ लाख में बेचा, नालंदा से सकुशल बरामद, शिक्षिका समेत दो गिरफ्तार
- शिक्षिका ने बहन को देने के लिए किया था मासूम का सौदा
बाढ़। पटना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक मां को उसके लाल को गंवाने से बचा लिया। मामला बाढ़ थाना क्षेत्र का है। बीते बुधवार की शाम नाथचक गांव की प्रियंका देवी रोते हुए एक महिला को पकड़ कर थाना पहुंची और महिला पर अपने 5 वर्षीय पुत्र के चोरी करने का आरोप लगाते हुए थाना परिसर में रोने चिल्लाने लगी। पुलिस ने जब मामले की अनुसंधान शुरू की तो पहले तो पकड़ी गई बुढनपुर गांव निवासी महिला फूला देवी खुद को निर्दोष बताते हुए पुलिस को गुमराह करती रही। बाद में बाढ़ थानाध्यक्ष राजनंदन ने टेक्निकल टीम का गठन करते हुए मामले का अनुसंधान शुरू किया। गुरुवार की सुबह तक महिला कुछ भी बताने से इंकार करती रही। जब महिला के पास से बरामद बिना सिम कार्ड के मोबाइल की छानबीन होने लगी तो फूला देवी ने अपने मोबाइल का सिम तोड़ कर छुपाने की कोशिश की, जिससे पुलिस का शक और भी मजबूत हो गया, जिसके बाद पुलिस ने मोबाइल का डिटेल्स निकाला, जिससे कई अहम जानकारी प्राप्त हुई। उसके बाद बाढ़ पुलिस ने महिला को लेकर नालंदा जिला के सोहसराय थाना क्षेत्र में छापेमारी किया, तभी लक्खा चक थरथरी इलाके से एक घर में छापेमारी के दौरान पुलिस ने 5 साल के विक्की को सकुशल बरामद कर लिया।
पकड़ी गई फूला देवी ने पुलिस बताया कि बुधवार को उसने बच्चे को उठा लिया था। बच्चा की खरीद बिक्री के पहले शिक्षिका मीना देवी फूला देवी के घर पहुंचकर बगलगीर प्रियंका देवी के 5 वर्षीय पुत्र विक्की को देखा। बच्चा पसंद हो जाने के बाद उसकी कीमत डेढ़ लाख लगाई गई। उक्त बच्चे को जिस महिला ने खरीदा, उसका नाम मीना देवी है, वह उत्क्रमित मध्य विद्यालय लक्खा चक, थरथरी में सरकारी शिक्षिका है। पति का नाम मुकेश पासवान है। उक्त शिक्षिका को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में मीना देवी ने बताया कि वह बच्चा अपने बहन को देने के लिए खरीदी थी। इसके लिए उसने 5000 एडवांस भेज दी थी।
बताया जाता है कि फूला देवी पर पहले भी बच्चा चोरी कर बेचने का आरोप लग चुका है। यह बाढ़ के धनामा मुबारकपुर पंचायत में घूम-घूम कर लोगों का जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र बनवाने का काम करती थी और इसका पति झांड़-फूंक करने का काम किया करता है। जिसे लेकर पुलिस को यह भी डर सताने लगा था कि कहीं अंधविश्वास के चक्कर में बच्चे की जान को खतरा ना हो जाए, लिहाजा पुलिस ने 24 घंटे के भीतर बच्चे को सकुशल बरामद करते हुए पूरे मामले पर से पर्दा उठा दिया। पुलिस ने फूला देवी और मीना देवी को हिरासत में लेते हुए मामले की प्राथमिकी दर्ज करने में जुट गई है। वही शुक्रवार को न्यायिक प्रक्रिया पूरा होने के बाद दोषी आरोपी को जेल भेजा जाएगा।