शेयर मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयर्स में 20 फीसदी की टूट, निवेशकों में भूचाल, कई में लगे लोअर सर्किट
मुंबई। भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई। हिंडनबर्ग रिपोर्ट से उपजे विवाद के बाद अब अडानी समूह पर नए आरोपों ने निवेशकों को झकझोर कर रख दिया है। अमेरिकी अदालत में दायर एक मामले में गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। इस घटना का असर अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों पर साफ दिखाई दिया, जहां अधिकतर शेयर लोअर सर्किट में फंसे हुए हैं।
शेयर बाजार में भूचाल
गुरुवार, 21 नवंबर को शेयर बाजार खुलते ही अडानी समूह की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 10% से 20% तक की गिरावट दर्ज की गई। अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एंटरप्राइजेज, और अडानी ट्रांसमिशन जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। इस गिरावट का मुख्य कारण गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर अमेरिकी अदालत में दर्ज मामले को माना जा रहा है।
क्या हैं आरोप?
अमेरिका के ब्रुकलिन स्थित संघीय अदालत में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, और अडानी ग्रीन एनर्जी के पूर्व सीईओ विनीत जैन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अभियोग में दावा किया गया है कि अडानी और उनके सहयोगियों ने भारत सरकार से 12 गीगावाट सोलर एनर्जी का अनुबंध और वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए अधिकारियों को लगभग 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी। इसके अलावा, आरोप है कि अडानी समूह ने इस सोलर प्रोजेक्ट से जुड़ी वास्तविक जानकारी को अमेरिकी निवेशकों से छिपाया, जिन्होंने इस परियोजना में अरबों डॉलर का निवेश किया।
अडानी ग्रीन एनर्जी पर विशेष ध्यान
इस पूरे मामले में अडानी ग्रीन एनर्जी का नाम प्रमुखता से सामने आया है। कंपनी के पूर्व सीईओ विनीत जैन, जो 2020 से 2023 तक इस पद पर थे, और कंपनी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर भी आरोप लगाए गए हैं। अभियोग में कहा गया है कि इन लोगों ने मिलकर सोलर प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने और निवेश जुटाने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई।
निवेशकों पर असर
इस विवाद का सबसे ज्यादा असर छोटे और बड़े निवेशकों पर पड़ा है। अडानी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट ने निवेशकों के लिए बड़ा संकट पैदा कर दिया है। जिन निवेशकों ने हिंडनबर्ग विवाद के बाद बाजार में भरोसा दिखाया था, उनके लिए यह नई स्थिति और भी ज्यादा निराशाजनक है।
अडानी समूह की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल अडानी समूह की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अडानी समूह विवादों में घिरा है। इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अडानी समूह पर शेयर बाजार में गड़बड़ी और कर्ज छिपाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।
बाजार और भविष्य की चुनौतियां
अडानी समूह पर लगे ताजा आरोप न केवल कंपनी के बाजार प्रदर्शन बल्कि उसकी साख को भी प्रभावित कर सकते हैं। अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो इसका असर न केवल अडानी समूह बल्कि भारतीय शेयर बाजार और विदेशी निवेशकों के विश्वास पर भी पड़ेगा। गौतम अडानी और उनके समूह पर लगे ये आरोप भारतीय उद्योग जगत के लिए एक गंभीर मुद्दा हैं। निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों की नजर अब अडानी समूह की प्रतिक्रिया और इस मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही पर टिकी हुई है। आने वाले दिनों में इस विवाद का असर केवल शेयर बाजार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह भारतीय उद्योग जगत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी प्रभावित कर सकता है।