अंग्रेज उन्हें ‘भारतीय अशांति का पिता’ मानते थे – रेणु देवी
पटना। आजादी के अमृत महोत्सव काल में उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने स्वराज को देशवासियों का जन्मसिद्ध अधिकार बताने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन किया तथा अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। रेणु देवी ने कहा कि अपने लोकप्रिय समाचार पत्र “द मराठा” और “केसरी” के माध्यम से तिलक जी लगातार देश के युवाओं में स्वतंत्रता की अलख जगाते रहे। महाराष्ट्र में “शिवाजी उत्सव” और “गणेश उत्सव” व्यापक रूप से मनाने की शुरुआत उन्हीं की प्रेरणा से हुआ था। स्वतंत्रता आंदोलन को तेज और धारदार बनाने के लिए उन्होंने लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल के साथ मिलकर कांग्रेस में गरम दल बनाया था। तथा “इंडियन होम रूल लीग” की स्थापना की थी। इसलिए अंग्रेज अधिकारी उन्हें “भारतीय अशांति का पिता” मानते थे।
रेणु देवी ने आगे कहा कि तिलक जी भारतीय युवाओं को स्वावलंबी और अधिक ऊर्जावान बनाने के लिए उनके आत्मसम्मान के प्रशिक्षण पर जोर देते थे तथा इसे प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने युवाओं को अपने धर्म और पूर्वजों का अधिक आदर और सम्मान देने का भी आह्वान किया था।