भूमि अधिग्रहण कानून: 2013 के तहत उचित मुआवजे को लेकर आर पार की लड़ाई के मूड में किसान

मोनु कुमार मिश्रा ,बिहटा। एक बार फिर सोमवार को मेगा औधोगिक पार्क से सैकड़ो किसानों ने भूमि अधिग्रहण कानून- 2013 के तहत उचित मुआवजा की माँग को लेकर आक्रोशित दिख रहे हैं। बताया जाता है की बियाडा के द्धारा एफडीडीआई से लेकर हीरो साइकिल एवं एनएसआईटी के समीप बनाया जा रहा नाला का निर्माण कार्य को रोक लगते हुये ठीकदार को भागा हंगामा शुरू कर दिया।डियूटी पर तैनात बियाडा कर्मी किसानो के आक्रोश के सामने मूकदर्शक बने रहे।हंगामा कर रहे किसानों का कहना था कि राज्य के विकास के लिए सरकार की एक मांग पर हमलोगों ने अपनी कृषि युक्त भूमि को दे दिया था। लेकिन किसानों द्धारा स्वेछापूर्वक जमीन देने के बाद आज वर्षो बितने के बाद तक उचित मुआवजा नही मिल सका है। किसानों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण हर क्षेत्र व समाज के लिए विकास जरूरी है। लेकिन विकास की बलि चढ़ने वाले समाज को नजरअंदाज करना कहां का न्याय है।भूमि अधिग्रहण कानून- 2013 लागू है। इसके तहत अधिग्रहण से प्रभावितों किसानों को चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान है। वहीं विस्थापितों का पुनर्वास और पुनर्स्थापन भी सरकार को करना है। लेकिन पुनर्स्थापन के बात तो दूर सरकार चार गुना मुआवजा देने के लिए तैयार नहीं है।पिछले 15 वर्षों से प्रभावित किसान आंदोलन कर रहे हैं।लेकिन अभी तक सरकार के द्दारा उचित मुआवजा व पुनर्वास और पुनर्स्थापन को लेकर कोई सहमति नहीं बनी है। उन्होंने अधिग्रहण 2013 नीति 24 वन ए के तहत मुआवजा का भुगतान करने की मांग करते हुए कहा कि किसान अब आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार है।
