December 16, 2024

मगध विश्वविद्यालय में फर्जी पीएचडी डिग्री कांड का खुलासा, दो शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज

पटना। मगध विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है, जिसमें दो शिक्षकों पर म्यांमार जाकर फर्जी पीएचडी डिग्री बांटने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा
सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर ने इस घोटाले का भंडाफोड़ किया। इस तस्वीर में म्यांमार के यंगून में मगध विश्वविद्यालय के नाम पर जारी एक पीएचडी डिग्री दिखाई दे रही थी। इस डिग्री पर वर्ष 2024 अंकित था और उस समय के कुलपति का हस्ताक्षर भी दर्ज था। तस्वीर वायरल होते ही विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच शुरू की।
शिक्षकों पर लगे गंभीर आरोप
जांच में पाया गया कि बौद्ध अध्ययन विभाग के अंशकालिक व्याख्याता डॉ. विष्णु शंकर और बोधगया के डॉ. कैलाश प्रसाद इस फर्जीवाड़े में शामिल थे। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने म्यांमार जाकर विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्रियां बांटी और इससे संबंधित दस्तावेज तैयार किए। प्रशासन ने इसे विश्वविद्यालय की साख को नुकसान पहुंचाने वाला गंभीर अपराध करार दिया।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब मगध विश्वविद्यालय इस तरह के घोटाले में फंसा हो। इससे पहले भी कई विदेशियों को बिना वैध प्रक्रिया के पीएचडी डिग्री दी जा चुकी हैं। प्रशासन का कहना है कि यह घोटाला लंबे समय से चल रहा था और इसकी गहराई से जांच की जा रही है।
प्रशासन की कार्रवाई, पुलिस जांच जारी
घोटाले का पता चलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत पुलिस में मामला दर्ज कराया। साथ ही, दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों की पहचान की जा रही है और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। पुलिस ने भी इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि फर्जी डिग्रियां वितरित करने के लिए म्यांमार को एक माध्यम के रूप में चुना गया। इस घोटाले से जुड़े अन्य सबूत और लोगों की पहचान के लिए पुलिस विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटा रही है।
विश्वविद्यालय की साख पर असर
मगध विश्वविद्यालय बिहार का प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है, लेकिन ऐसे घोटाले उसकी साख को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं। यह घटना न केवल विश्वविद्यालय के प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि छात्रों और अभिभावकों के बीच भी चिंता का कारण बनी है। यह घोटाला शिक्षा जगत के लिए एक बड़ा झटका है। मगध विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी साख बचाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। दोषियों को कड़ी सजा देने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इस तरह के फर्जीवाड़े को बढ़ावा न मिले और शिक्षा का स्तर विश्वसनीय बना रहे।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed