सरकारी स्कूलों में फर्जी अटेंडेंस का खुलासा, यूपी में बैठकर हाजिरी बनाता था शिक्षक, विभाग में हड़कंप
पटना। बिहार के स्कूलों में शिक्षक की फर्जी हाजिरी का मामला उजागर हुआ है। लेकिन विभाग ने कई शिक्षकों से इस संबंध में स्पष्टीकरण पूछा है। शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) पारस कुमार ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि जमुई जिले में तीन ऐसे शिक्षकों का पता चला है जो उत्तर प्रदेश समेत अन्य जगहों पर रहते हुए जमुई में अवस्थित स्कूलों में हाजिरी बनाते रहे हैं। शिक्षा विभाग अब मामले की जांच के साथ ऐसे अन्य शिक्षकों को पकड़ने की कवायद कर रहा है। जांच में आरोप सही पाये जाने पर इन शिक्षकों पर निलंबन समेत सख्त कार्रवाई की जाएगी। फर्जी हाजिरी का मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग जिले में लगातार ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति बनाने में धोखाधड़ी पकड़ रहा है। फोटो से फोटो खींच कर, दूसरे शिक्षक का फोटो, विद्यालय को फोटो डालकर हाजिरी बनाई गई है। शिक्षा विभाग की रैंडमली जांच में ऐसा एक और मामला जमुई में उजागर हुआ है। जमुई जिले के सोनो प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कर्माटांड के तीन शिक्षक-शिक्षकाओं से विभाग ने इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। इन शिक्षकों बबिता कुमारी, कृष्ण कन्हैया और मो मुख्तार आलम का नाम शामिल है।
फोन को फ्लाइट मोड में डालकर भर रहे हाजिरी
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जमुई जिले के सोनो समेत अन्य प्रखंडों में ऐसे शिक्षकों की संख्या काफी है, जो जिले के बाहर रहते हुए स्कूलों में हाजिरी बना रहे हैं। बताया जाता है कि ऐसे शिक्षक फर्जी हाजिरी बनाने के लिए अपने मोबाइल का खास मोड में इस्तेमाल करते हैं। दावा किया जाता है कि मोबाइल को फ्लाइट मोड में रखकर हाजिरी बनाने पर कहीं से भी उपस्थिति दर्ज हो जाती है। स्कूल के पांच सौ मीटर के दायरे में रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। विभाग भी मानता है कि अगर शिक्षा पदाधिकारी विद्यालय का लोकेशन और दर्ज उपस्थिति का लोकेशन की पड़ताल करे तो और भी बड़ी तस्वीर सामने आएगी।
वेतन भुगतान पर लगी रोक
शिक्षा विभाग (स्थापना) के डीपीओ पारस कुमार ने बताया है कि विभाग ने ई-शिक्षा कोष पर शिक्षकों की उपस्थिति की रैंडम जांच की गई है। इसमें कुल दस दिन की हाजिरी की जांच की गई, प्राथमिक विद्यालय कर्माटांड के तीनों शिक्षकों की जालसाजी व धोखाधड़ी सामने आई है। इन्होंने फोटो से फोटो या फिर दूसरे शिक्षक का फोटो या बिना फोटो की स्कूल में आगमन व प्रस्थान किया है। डीपीओ ने सात दिसंबर एवं नौ दिसंबर, 14 दिसंबर तथा 16 से 18 दिसंबर की तिथि विशेष के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। साथ स्पष्टीकरण मांगा है।
पहले भी उजागर हो चुका है मामला
इसके पहले भी चकाई प्रखंड के उमवि कोकहर विद्यालय के शिक्षक विष्णुदेव यादव, पंकज कुमार, प्रियंका भारती तथा प्रणव प्रिंस द्वारा एक ही फोटो या फिर फोटो से फोटो खींच कर ई-शिक्षा कोष पर हाजरी की धोखाधड़ी विभाग ने पकड़ी थी। यह खुलासा भी पांच दिसंबर से 12 दिसंबर तक रैंडम जांच में हुआ था। इसके बाद बरहट प्रखंड के चोरमारा में भी ऐसा ही मामला पकड़ में आया था।