बिहार के पांच शहरों में बनेंगे टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर, केंद्रीय मंत्री जीतनमांझी ने की घोषणा
गया। सांसद सह नरेंद्र मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार के पांच जिले राजगीर, रोहतास, पूर्णिया, दरभंगा और सारण में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के माध्यम से नए टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए मंजूरी मिल गई है। इस संबंध में एमएसएमई मंत्रालय के टीसीईसी प्रभाग नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह के हस्ताक्षर से पत्र निर्गत किया गया है। गया के गोदाबरी स्थित अपने आवास पर यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि नवीन प्रौद्योगिकी केंद्रों और विस्तार केंद्रों की स्थापना योजना के तहत बिहार के पांच जिले में नए स्थानों को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि विस्तार केंद्रों की स्थापना और मार्गदर्शन संबंधित मातृ प्रौद्योगिकी केंद्र के परामर्श से स्थापित होंगी। लक्षित लाभार्थी देश भर में फैले एमएसएमई शामिल होंगे जिन्हें तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही नियोजित व्यक्ति, कौशल विकास के लिए छात्र, भावी उद्यमी और नवप्रवर्तक होंगे। उद्यमिता का विकास होगा। विस्तार केंद्रों द्वारा स्व-स्थायी आधार पर प्रमुख सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उपयोग और भुगतान के आधार पर प्रौद्योगिकी केंद्रों से जुड़कर प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ेगी। सीएडी-सीएएम, सिमुलेटर, ऑनलाइन और वर्चुअल कक्षा अवधारणाओं का उपयोग करके उच्च स्तरीय कौशल विकास किया जाएगा ताकि इसे अधिक लागत प्रभावी बनाया जा सके। भविष्य की प्रौद्योगिकियों और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा सके। टीसी से जुड़कर उत्पाद और प्रक्रिया डिजाइन पर सलाहकार सेवाएं उपलब्ध होगी। गया शहर में भी मेट्रो ट्रेन की सेवा शुरू करने का संकेत देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि इसके लिए सर्वे का काम जल्द शुरू होगा। केंद्र सरकार जल्द इसकी घोषणा करने वाली है। उन्होंने कहा कि मेट्रो सिटी होने से गया का विकास की गति में और तेजी आएगी। साथ ही गया ना केवल बिहार बल्कि पूरे देश में विकास के एक नए मॉडल के रूप में उभरेगा। कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने किए वायदे को पूरा कर रहे हैं। जीतनराम मांझी ने कहा कि विस्तार केंद्रों की स्थापना और मार्गदर्शन संबंधित मातृ प्रौद्योगिकी केंद्र के परामर्श से स्थापित होंगी। लक्षित लाभार्थी देश भर में फैले एमएसएमई शामिल होंगे।