December 27, 2024

प्रदेश में साइबर अपराध रोकने को साइबर कमांडो विंग स्थापित करेगी सरकार, तैयारी में जुटा पुलिस मुख्यालय

पटना। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, बिहार सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए विशेष कदम उठाने की घोषणा की है। राज्य में “साइबर कमांडो विंग” स्थापित की जाएगी, जो अत्याधुनिक तकनीकी कौशल से लैस होगी और साइबर अपराधियों से सख्ती से निपटेगी। गृह मंत्रालय की इस पहल के तहत पुलिस मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है।
साइबर कमांडो विंग की स्थापना का उद्देश्य
साइबर अपराध के अंतर्गत ऐसे मामले आते हैं जो डिजिटल तकनीक के दुरुपयोग से जुड़े होते हैं। इनमें डेटा चोरी, नेटवर्क में अवैध पहुंच, साइबर बुलिंग, अश्लील सामग्री का प्रसार, साइबर स्टॉकिंग, बायोमीट्रिक डेटा का दुरुपयोग, और निजी छवि का अवैध इस्तेमाल जैसी घटनाएं शामिल हैं। इन अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और इसके लिए एक समर्पित इकाई की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। साइबर कमांडो विंग का मुख्य उद्देश्य इन अपराधों की रोकथाम और जांच में तेजी लाना है।
चयन प्रक्रिया और तैयारी
साइबर कमांडो विंग के गठन के लिए राज्यभर के जिलों से इच्छुक और योग्य पुलिसकर्मियों के नाम मांगे गए हैं। इसमें उन पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो आईटी सुरक्षा और डिजिटल फॉरेंसिक में विशेषज्ञता रखते हैं। चयन प्रक्रिया के तहत, इच्छुक पुलिसकर्मियों को एक स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होगा। इस स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए सिलेबस तैयार किया गया है, और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अधिकारी इन पुलिसकर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण देंगे। जिलों से नामित पुलिसकर्मियों की सूची मुख्यालय भेजने के बाद गृह मंत्रालय के पास स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित करने के लिए भेजी जाएगी। इस टेस्ट में सफल होने के बाद ही पुलिसकर्मियों को साइबर कमांडो विंग में शामिल किया जाएगा।
सभी स्तरों के पुलिसकर्मियों के लिए अवसर
साइबर कमांडो विंग में किसी भी स्तर के पुलिसकर्मी हिस्सा ले सकते हैं। पटना, लखीसराय, पूर्णिया, खगड़िया, मोतिहारी, बक्सर, सीतामढ़ी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, सुपौल, समस्तीपुर और जमालपुर जैसे 13 जिलों ने पहले ही इच्छुक पुलिसकर्मियों के नाम मुख्यालय को भेज दिए हैं। अन्य जिलों को भी जल्द से जल्द अपने नाम भेजने को कहा गया है।
सरकार की जिम्मेदारी और संभावनाएं
साइबर अपराध न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। ऐसे में साइबर कमांडो विंग की स्थापना एक सराहनीय कदम है। यह विंग तकनीकी रूप से उन्नत होगी और साइबर अपराध के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्य करेगी। साइबर कमांडो विंग की स्थापना बिहार में साइबर अपराध को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करेगी बल्कि समाज में डिजिटल सुरक्षा का भरोसा भी बढ़ाएगी। इसके लिए उच्च प्रशिक्षित और समर्पित पुलिसकर्मियों की टीम तैयार करना इस पहल की सफलता का मुख्य आधार होगा। यह कदम साइबर अपराध के बढ़ते खतरे के मद्देनजर समय की मांग है और देशभर में ऐसी इकाइयों की स्थापना डिजिटल युग में सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।

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