रामनवमी पर बिहार में हुई हिंसा की ईओयू ने शुरू की जांच, सोशल मीडिया पर हो रही कड़ी निगरानी
पटना। रामनवमी पर सासाराम और बिहार शरीफ में हुए हिंसा मामले में पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है। हिंसा के लिए लोगों को भड़काने वालों की भी खोज शरू हो गई है। इन्हें तलाशने के लिए पुलिस की एक टीम टेक्निकल तरीके से पड़ताल में जुटी है। इसके लिए बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की एक टीम को खास तौर पर लगाया गया है। ये टीम 24 घंटे लगातार काम कर रही है। जो हिंसा से पहले और उस दरम्यान के सोशल मीडिया पर डाले गए भड़काऊ पोस्ट और वीडियो की जांच कर रही है। ये पोस्ट किन लोगों ने डाले? उनकी पहचान की जा रही है। क्योंकि, ईओयू के पास हिंसा से जुड़े कई प्रकार के पोस्ट और वीडियो हाथ लगे हैं। कुछ भड़काऊ मैसेज भी हैं। रोहतास के सासाराम और नालंदा के बिहार शरीफ में जब हिंसा हुई तो दोनों जिलों की पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। उसी दरम्यान उनके हाथ कई लोगों के मोबाइल फोन भी लगे। जिसे खंगालने पर कई तरह के डिजिटल एविडेंस मिले। टेक्निकल तौर पर डिजिटल एविडेंस के जरिए और क्लू जुटाना, पोस्ट करने वालों की पहचान करना। जिला पुलिस के लिए आसान नहीं था। इसलिए पुलिस मुख्यालय के आदेश पर इसमें ईओयू के साइबर सेल की मदद ली जा रही है। इसके एक्सपर्ट डिजिटल एविडेंस को और भी पुख्ता करने में जुटे हैं।
सोशल मीडिया पर रखी जा रही है नजर : एडीजी, ईओयू
इस मामले में बुधवार को ईओयू के ईओयू नैयर हसनैन खान से बात की गई है। उनके अनुसार उनकी टीम हिंसा से पहले सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म डाले गए मैसेज, पोस्ट और वीडियो की जांच कर रही ही है। लोगों को भड़काने वालों की पहचान कर रही है। इनकी तलाश तेज कर दी गई है। नफरत फैलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई पुलिस की तरफ से की जाएगी। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और वीडियो पोस्ट करने वालों पर हर पल नजर रखी जा रही है। पुलिस मुख्यालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे लोगों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।