मोतिहारी में कार्यपालक अभियंता रिश्वत लेते गिरफ्तार, निगरानी विभाग ने 2 लाख के साथ रंगेहाथों पकड़ा

मोतिहारी। राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुहिम लगातार जारी है और इसके तहत मंगलवार को एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। यह मामला मोतिहारी जिले से जुड़ा हुआ है, जहां योजना एवं विकास विभाग के एक कार्यपालक अभियंता को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
पंचायत भवन निर्माण योजना में मांगी थी रिश्वत
निगरानी ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए अभियंता अजय कुमार पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए स्वीकृत 60 लाख रुपये की योजना की पहली किस्त जारी करने के एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे थे। यह योजना पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत सिसवा बरार के मलंगपुर पंचायत सरकार भवन से संबंधित है।
शिकायत की जांच के बाद की गई कार्रवाई
इस मामले में संबंधित व्यक्ति द्वारा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को शिकायत दी गई थी। शिकायत की जांच के बाद उसे सही पाया गया, जिसके बाद निगरानी विभाग ने अभियंता के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इसके लिए एक विशेष धावा दल का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व निगरानी डीएसपी श्याम बाबू प्रसाद कर रहे थे।
गिरफ्तारी के समय घर में ले रहे थे रिश्वत
मंगलवार की सुबह निगरानी टीम ने अजय कुमार के आवास पर छापेमारी की। उसी समय अभियंता रिश्वत की रकम ले रहे थे और उन्हें रंगे हाथों दो लाख रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई ने जिले के अन्य अधिकारियों और विभागों में हलचल मचा दी है।
पूछताछ और संपत्ति की जांच जारी
गिरफ्तारी के बाद अजय कुमार से पूछताछ की जा रही है। निगरानी टीम उनकी संपत्ति और अन्य वित्तीय लेनदेन की भी जांच कर रही है। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं उनके खिलाफ पहले से कोई भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला तो दर्ज नहीं है। जल्द ही उन्हें निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा जहां से आगे की कानूनी प्रक्रिया तय होगी।
भ्रष्टाचार पर सख्ती का संकेत
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि बिहार सरकार और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो भ्रष्टाचार के प्रति सख्त रवैया अपना रहे हैं। लगातार हो रही इस तरह की कार्रवाइयों से आम जनता में विश्वास बढ़ा है कि भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। मोतिहारी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक और अहम कदम है। यह घटना सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता लाने और योजनाओं के लाभ को वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचाने की दिशा में सकारात्मक संकेत देती है। इससे अन्य अधिकारियों को भी यह संदेश जाता है कि रिश्वतखोरी का अंजाम गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई हो सकता है।