विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को जल्द मिलेगी दो माह की सैलरी, जल्द राशि जारी करेगा विभाग
पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को जल्द ही दो माह का लंबित वेतन और पेंशन मिलने की संभावना है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे शिक्षा मंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही जुलाई और अगस्त महीने की वेतन और पेंशन की राशि जारी कर दी जाएगी। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालयों को जून माह के बाद से वेतन और पेंशन की राशि नहीं दी गई थी, जिसका मुख्य कारण विश्वविद्यालयों द्वारा समय पर सभी आवश्यक रिपोर्ट और आंकड़े विभाग को नहीं भेजना था। शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों से विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट और डेटा मांगे थे, जिसमें कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों का वेतन, पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और अतिथि शिक्षकों से संबंधित जानकारी शामिल थी। हालांकि, अधिकांश विश्वविद्यालयों ने अभी तक यह सभी जानकारी पूरी तरह से नहीं दी है। इसी कारण विभाग ने वेतन और पेंशन की राशि रोक दी थी। लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि शर्तों के साथ विश्वविद्यालयों को यह राशि जारी की जाएगी। शर्त यह है कि विश्वविद्यालय जल्द से जल्द सभी लंबित रिपोर्ट और आंकड़े विभाग को सौंपेंगे। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। राशि मिलने के बाद विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों, कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को जुलाई और अगस्त महीने का वेतन और पेंशन का भुगतान कर सकेंगे। यह राहत उन शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए अहम है, जो पिछले दो महीनों से वेतन के इंतजार में थे। इसके अतिरिक्त, राज्य के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों को जो सहायक अनुदान राशि प्राप्त हुई थी, उसे भी उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से राज्य कोष में जमा करना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए विश्वविद्यालयों को सीएफएमएस प्रणाली के तहत अपने खातों की शेष राशि को राज्य कोष में जमा करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, विश्वविद्यालयों को अनुदान राशि का उपयोग करने के लिए भी विभाग द्वारा दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 5100 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिससे चरणबद्ध तरीके से राशि जारी की जाएगी। यह राशि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और उनसे संबंधित डिग्री कॉलेजों को वितरित की जाएगी, जिससे वेतन, पेंशन और अन्य वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। इस प्रकार, विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को जल्द ही आर्थिक राहत मिल सकती है, बशर्ते वे सभी शर्तों को समय पर पूरा करें और विभाग को आवश्यक रिपोर्ट्स सौंपें।