राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों को जल्द मिलेगा वेतन, 140 करोड़ से अधिक की राशि जारी

पटना। बिहार के शिक्षा विभाग से केके पाठक की विदाई के बाद शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए स्थितियाँ सामान्य होती नजर आ रही हैं। राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। गुरुवार को बकाया वेतन के भुगतान हेतु 140 करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बकाया मानदेय भुगतान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि और अंशकालिक शिक्षकों के लिए 140 करोड़ 10 लाख 50 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
इस राशि में विभिन्न विश्वविद्यालयों को निम्नलिखित धनराशि आवंटित की गई है:
पटना विश्वविद्यालय को 12 करोड़ 43 लाख रुपये,
जय प्रकाश विश्वविद्यालय को 7 करोड़ 81 लाख रुपये,
वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा को 16 करोड़ 26 लाख रुपये,
बी०एन० मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा को 28 करोड़ 27 लाख रुपये,
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर को 6 करोड़ 38 लाख रुपये,
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा को 6 करोड़ 89 लाख 50 हजार रुपये,
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा को 46 करोड़ 27 लाख 50 हजार रुपये,
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना को 3 करोड़ 66 लाख रुपये,
पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया को 3 करोड़ 88 लाख रुपये,
मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर को 8 करोड़ 24 लाख 50 हजार रुपये।
बिहार में विश्वविद्यालयों और शिक्षा विभाग के बीच चल रहा गतिरोध पिछले बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक में समाप्त हो गया था। बैठक में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, कुलाधिपति, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ उपस्थित थे। बैठक में अगले दो दिनों में चार महीने के वेतन और पेंशन की राशि जारी करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए राहत भरा समाचार है, जो वेतन-पेंशन की प्रतीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार शिक्षा और शिक्षकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं और आगे भी उठाएगी। इस कदम से राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें अपने बकाया वेतन और पेंशन की प्राप्ति होगी। यह निर्णय राज्य के शिक्षा क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।

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