November 22, 2024

त्योहारों में शिक्षकों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, छुट्टियों की मांग पर विचार कर रही सरकार : शिक्षा मंत्री

पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार को शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर दी, जिसमें उन्होंने त्योहारों के समय शिक्षकों के हितों का ध्यान रखने का आश्वासन दिया। पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार कभी भी शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं करेगी और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। विशेष रूप से छठ महापर्व के दौरान शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर सरकार चिंतित है और जल्द ही इस संबंध में कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने लगातार यह मांग उठाई है कि त्योहारों, विशेष रूप से छठ पूजा के दौरान, उन्हें छुट्टी मिलनी चाहिए। इस मांग को लेकर शिक्षक समुदाय में असंतोष था, क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। इसके बावजूद, शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे पर निष्पक्षता और संवेदनशीलता के साथ विचार करेगी। मंत्री सुनील कुमार ने कहा, “हमने विभिन्न शिक्षक संघों की मांगों को सुना है और हम इस पर उचित कार्रवाई करेंगे। जो भी उचित होगा, वह शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा।”
शिक्षकों की छुट्टी की मांग पर विचार
छठ पूजा बिहार का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें हर परिवार की भागीदारी होती है। इस अवसर पर शिक्षकों ने छुट्टी की मांग की है ताकि वे इस महापर्व में शामिल हो सकें। हालांकि, शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि छुट्टियों के बावजूद शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सिलेबस समय पर पूरा हो। मंत्री ने कहा, “छात्रों की शिक्षा में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिए। शिक्षकों को सिलेबस की पूर्ति के लिए भी समर्पित रहना होगा। शिक्षक संघ इस मामले को लेकर काफी दिनों से आवाज उठा रहा है। उनका कहना है कि उनकी छुट्टियों में कटौती की जा रही है, जिससे वे नाराज हैं। लेकिन मंत्री ने साफ किया कि सरकार शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक नजरिए से विचार कर रही है और जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। शिक्षा विभाग शिक्षकों के हितों और छात्रों की पढ़ाई, दोनों का संतुलन बनाकर निर्णय लेगा।
प्रदीप सिंह और तेजस्वी यादव के बयान पर शिक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी स्पष्ट किया कि प्रदीप सिंह द्वारा दिए गए बयान, “अररिया में रहना है तो हिंदू बनना होगा,” को सरकार का समर्थन नहीं है। उन्होंने इसे प्रदीप सिंह का निजी बयान करार दिया और कहा कि बिहार सरकार का इस प्रकार की कोई नीति नहीं है। मंत्री ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में कभी किसी तरह का दंगा या भेदभाव नहीं हुआ है और सरकार हर व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा नहीं देती है। नीतीश कुमार के शासनकाल में राज्य में शांति और सौहार्द्र बना हुआ है, और यह सरकार सभी धर्मों और समुदायों को साथ लेकर चलती है। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में लोकतंत्र है और हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। तेजस्वी यादव ने एक दिन पहले कहा था कि अगर बिहार में दंगा फसाद हुआ, तो वह ईंट से ईंट बजा देंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव को इस तरह के भड़काऊ बयान देने से बचना चाहिए, क्योंकि राज्य में शांति का माहौल है और ऐसी बयानबाजी से अनावश्यक तनाव पैदा हो सकता है।
सरकार का स्पष्ट दृष्टिकोण
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिहार सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में शांति और विकास को बनाए रखना है। सरकार किसी भी समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं करेगी और सभी को न्याय दिलाने के लिए तत्पर रहेगी। प्रदीप सिंह के बयान पर मंत्री ने कहा कि यह सरकार की ओर से नहीं था और इसे व्यक्तिगत रूप से देखा जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में कोई भी दंगा-फसाद नहीं हुआ है और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इस पूरी घटना के संदर्भ में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार शिक्षकों के साथ उचित व्यवहार करेगी। त्योहारों के दौरान छुट्टियों की मांग को ध्यान में रखते हुए, सरकार का उद्देश्य है कि किसी के साथ अन्याय न हो और शिक्षकों की छुट्टियों पर एक संतुलित फैसला लिया जाएगा।

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