बिहार की 6 राज्यसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा: 8 फरवरी से नामांकन, 20 को होगा मतदान
पटना। राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने इसकी अधिसूचना जारी की। 27 फरवरी को इन सीटों के लिए मतदान होंगे। सोमवार को चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव का कार्यक्रम जारी किया। बिहार से भाजपा के सुशील कुमार मोदी, जदयू के अनिल प्रसाद हेगड़े व वशिष्ठ नारायण सिंह , राजद के मनोज झा और करीम साहब और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह का सीट 2 अप्रैल 2024 को समाप्त होने वाला है। 8 फरवरी से नामांकन दाखिल होगा जबकि 27 फरवरी को मतदान होगा। कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच बिहार में नीतीश कुमार ने राजद का दामन छोड़ दिया। नीतीश कुमार ने एक बार फिर से एनडीए के साथ बिहार में सरकार बना ली है। वहीं नीतीश कुमार के इस फैसले का लोकसभा के चुनाव के साथ-साथ राज्यसभा के चुनाव पर भी असर पड़ेगा। एनडीए के साथ गठबंधन करके सीएम पद की शपथ लेते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने भी नीतीश कुमार को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को भी बधाई दी है।
बिहार के 6 मौजूदा सांसदों का कार्यकाल होगा समाप्त
राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव होने जा रहा है, यानि 6 मौजूदा सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उनमें राजद के दो, जेडीयू के दो, बीजेपी के एक औऱ कांग्रेस के एक सांसद हैं। राजद सांसद मनोज झा और अशफाक करीम का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है। 2024 में जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उसमें सबसे प्रमुख नाम बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी का है। दरअसल, सुशील मोदी 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सांसद चुने गये थे। लिहाजा उनका कार्यकाल सिर्फ 4 साल का रहा। अब सुशील मोदी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है तो सबसे ज्यादा चर्चा इस बात पर हो रही है कि भाजपा उन्हें फिर से राज्यसभा भेजेगी या नहीं।
जेडीयू की सीट कमेगी, अखिलेश पर पेंच
राज्यसभा के इस चुनाव में विधायकों की संख्या के आधार पर राजद को कोई नुकसान नहीं होगा। राजद के दो सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इस चुनाव में भी उसे आराम से दो सीटें मिल जायेगी। भाजपा को फायदा होने जा रहा है। भाजपा के एक सांसद का कार्यकाल खत्म हो रहा है और उसे विधायकों की संख्या के आधार पर दो सीटें मिलेंगी। नुकसान जेडीयू को होगा। उसके दो सांसदों वशिष्ठ नारायण सिंह औऱ अऩिल हेगड़े का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। लेकिन विधायकों की संख्या के आधार पर जेडीयू को सिर्फ एक सीट मिलेगी। यानि जेडीयू के राज्यसभा सांसदों की संख्या कम जायेगी। पेंच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर भी फंसेगा। अखिलेश सिंह 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव में राजद के बूते सांसद बन गये थे। सवाल ये है कि क्या वे फिर से सांसद चुने जायेंगे। ऐसा तभी होगा जब न सिर्फ राजद बल्कि भाकपा माले, सीपीआई और सीपीएम भी राजी हो। चर्चा ये है कि इस दफे भाकपा माले अपने महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या को राज्यसभा भेजना चाहती है। माले के पास 12 विधायक हैं। अगर उसने दावा ठोक दिया तो फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का ख्वाब टूट सकता है।