गया के महाबोधि मंदिर में दर्शन करने पहुचें उपमुख्यमंत्री, दलाई लामा से लिया आशीर्वाद
गया/पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी को ईडी ने 5 जनवरी को हाजिर होने को कहा है। हालांकि बताया जा रहा है कि तेजस्वी के ईडी ऑफिस जाने की उम्मीद कम ही है। ईडी के बुलावे से पहले तेजस्वी यादव ‘बुद्धम शरणं गच्छामि’ हैं! वे दलाई लामा से मिलने और उनका आशीर्वाद पाने गुरुवार को गया पहुंचे। यहां उन्होंने दलाई लामा से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर जाकर बेटी का मुंडन करवाने के साथ ही अपना भी मुंडन करवाया था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी पर ईडी की दबिश तेज है। पड़ोसी राज्य झारखंड के सीएम हेमंत पर ईडी की दबिश इतनी बढ़ी की जेएमएम के एक विधायक सरफराज अहमद ने त्यागपत्र दे दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस सीट पर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को उपचुनाव लड़वाया जा सकता है। हेमंत के हटने के बाद सीएम पद के लिए तमाम आशंकाओं को देखते हुए हेमंत एक्टिव हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार गया से लौटने के बाद तेजस्वी तय करेंगे कि वे दिल्ली जाएंगे कि नहीं।
सीएम ने निर्देश पर गया आया हूं: तेजस्वी
मंदिर में दर्शन के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, “महाबोधि मंदिर में हमने भगवान के दर्शन किए हैं, पर्यटक विभाग मंदिर के और सौंदर्यीकरण तथा श्रद्धालुओं के व्यवस्था के लिए और क्या करेगा उसका हमने मुआयन किया है। सीएम ने हमें जो दिशा निर्देश दिए हैं उसके लिए हम यहां आए हुए हैं। श्रद्धालुओं की संख्या रोज बढ़ती जा रही है तो उनके लिए व्यवस्था और होनी चाहिए। उसी दिशा में हम काम कर रहे हैं। उसके बाद पर्यटक विभाग के साथ बैठक होगी।
तेजस्वी पहले ही कह चुके हैं कि चुनाव आएगा तो दबिश बढ़ेगी
तेजस्वी पहले ही कह चुके हैं कि चुनाव का समय नजदीक आएगा तो ईडी की दबिश बढ़ेगी। तेजस्वी सहित आरजेडी के तमाम बड़े नेता मानते हैं कि बीजेपी के इशारे पर तेजस्वी पर दबिश बढ़ाई जा रही है। कुछ दिन पहले आरजेडी ऑफिस के बाहर बड़ा सा पोस्टर लगाया गया था जिसमें युवा राजद के प्रदेश महासचिव प्रेम कुमार यादव ने ये पोस्टर लगाकर नरेन्द्र मोदी को कठपुतली नचाते हुए दिखाया था। कठपुतली के रूप में जांच एजेंसी ईडी को भी दिखाया गया था। बता दें लैंड फॉर जॉब मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को इससे पहले 22 दिसंबर को समन भेजा भेजा था, लेकिन वे पेश नहीं हुए थे। पूछताछ के लिए तेजस्वी के वकील ने अगली डेट मांगी थी
लालू प्रसाद रेल मंत्री थे तब का है मामला
लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप है कि लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के विभिन्न मंडलों के पदों पर समूह डी में नियुक्ति हुई थी। मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच का है जब नियुक्ति में लालू यादव ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कथित रूप से जमीनें ली थीं। आरोप यह लगा कि रेलवे में नियुक्तियों के नियम के खिलाफ ये नियुक्तियां की गई थीं। इसको लेकर सीबीआई ने18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती समेत 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।