PATNA : ग्रह-गोचरों के दुर्लभ योग में मनी गुरु पूर्णिमा, श्रीहरि व गुरुओं की हुई पूजा
पटना। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर बुधवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, ऐन्द्र योग व बव करण के साथ अन्य कई दुर्लभ योग में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। सनातन धर्मावलंबियों ने गंगा स्नान के बाद भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों में उनकी पूजा-अर्चना किए। मंदिरों में भी विशेष श्रृंगार एवं पूजा की गयी। गुरुकुल, संगीत प्रशिक्षण संस्थान, गुरु-शिष्य परंपरा वाले स्कूलों, प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय संस्थानों में विशेष रूप से गुरुओं का पूजन-वंदन व सम्मान किया गया। मान्यता है कि गुरु कृपा से ही शांति, आंनद और मोक्ष प्राप्त होता है तथा गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।
आचार्य राकेश झा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर पांच ग्रह स्वराशि में उपस्थित थे। इससे इस दिन कि महत्ता और बढ़ गयी थी। पांच ग्रह में मंगल, बुध, गुरु, शुक्र व शनि शामिल थे। बुधवार को प्रात:काल में ही पवित्र जल से स्नान के बाद श्रीहरि विष्णु, माता लक्ष्मी, विध्न विनाशक गणेश, नवग्रह, महादेव आदि देवी-देवताओं के साथ कुलदेवता की पूजा की गई। श्रद्धालुओं ने घरों में सत्यनारायण प्रभु की पूजा कर पौराणिक कथाओं का श्रवण किया। शालिग्राम भगवान को पंचामृत से स्नान के बाद चंदन, पुष्प, इत्र आदि से श्रृंगार कर नाना प्रकार के ऋतुफल, मिष्ठान आदि का भोग अर्पण कर घी के दीया की आरती उतारी।