बीपीएससी के नतीजों पर तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने दिया ये जवाब

पटना । बीपीएससी के नतीजों को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। जहां पहले बीपीएससी रिजल्ट में कट ऑफ को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए और अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने नेता प्रतिपक्ष को इसका जवाब दिया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव पर हमला किया।

उन्होंने कहा कि बीपीएससी का रिजल्ट देख कर हमारे नौवीं पास नेता जी को पेट में दर्द हो रहा है। उनकी पीड़ा यह है कि पिछड़ों का कट ऑफ  मार्क सामान्य वर्ग के बराबर कैसे हो गया। कह रहे हैं कि फिर आरक्षण से क्या फायदा है। यानी नौवीं पास नेता जी बहुत खुश होते कि अगर सामान्य वर्ग के 535 के बदले पिछड़े वर्ग का 250 पर चयन होता।

संजय जायसवाल ने कहा है कि तेजस्वी के पिताजी ने बहुत मेहनत से चरवाहा विद्यालय बनाया था और जीवन भर पिछड़ों को लाठी में तेल पिलाने की ही राजनीति समझाते रहे। पढ़ाई के मामले में भी वह अपने दौर में सरकारी नौकरियों की तरह पक्के समाजवादी थे। न तो वह चाहते थे कि बिहार के बेटे पढ़ाई करें और ना ही उन्होंने अपने बेटों को पढ़ाया। आज जब अपनी मेहनत से गरीब-पिछड़ों के बेटे, सामान्य वर्ग के बराबर पहुंच गए हैं तो इनको अपना राजनीतिक भविष्य समाप्त होता दिख रहा है। आज अनुसूचित जनजाति के बच्चे 514 और अनुसूचित जाति के बच्चे भी 490 अंक पर चयनित होकर अन्य वर्गों के पास पहुंच चुके हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि बाबा साहब भीमराव आंबेदकर का यही सपना था जिसे आज के युवा जमीन पर उतार रहे हैं। मेडिकल परीक्षा में 80 के दशक में 20 प्रतिशत आरक्षण लड़कियों के लिए होता था और सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग में लगभग 40 प्रतिशत नंबर का अंतर था। लेकिन 90 के दशक में मेडिकल कॉलेज में स्थितियां ऐसी हो गई कि महिलाओं का आरक्षण 20 से घटाकर 3 प्रतिशत करना पड़ा क्योंकि बेटियां 65 प्रतिशत सीटों पर हो जाती थीं।

आज यह देखना बहुत ही सुखद है कि सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग का एक बराबर कट ऑफ लिस्ट है। अनुसूचित जाति वर्ग भी थोड़े ही अंतर पर खड़ा है। अगले पांच सालों में यह भी खत्म हो जाएगा। बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब अनारक्षित अथवा आरक्षित वर्ग के बच्चे एक बराबर कट ऑफ मार्क लेकर इस देश को आगे बढ़ाएंगे। हां, इससे केवल जाति के नाम पर वैमनस्य फैलाने की राजनीति करने वाले नेतागण सदा के लिए खत्म हो जाएंगे।

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