बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति डॉ. अरुण कुमार का निधन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताया शोक
पटना । बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार का बुधवार की देर रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे।
प्रो. डॉ. अरुण कुमार मानव भारती प्रभृति साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं के संस्थापक अध्यक्ष और मंत्री रहे। साथ ही विधान परिषद के सभापति के तौर पर 5 जुलाई, 1984 से 3 अक्तूबर, 1986 तक बखूबी निर्वहन किया। वहीं नीतीश सरकार में भी उन्होंने 16 अप्रैल, 2006 से 4 अगस्त, 2009 तक बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति की जिम्मेदारी निभाई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति प्रोफेसर अरुण कुमार के निधन पर गहरी शोक संवेदना जताई है। मुख्यमंत्री ने उनके बेटे से फोन पर बात कर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी है। प्रोफेसर अरुण कुमार का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा।
डॉ. अरुण कुमार कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते थे। 2 जनवरी, 1931 को रोहतास के मछनहट्टा (दुर्गावती) में जन्मे डॉ. अरुण कुमार की राजनीति और साहित्य में बराबर रुचि रही। प्रो. अरुण कुमार ने निराला पुष्पहार व पत्र-पत्रिकाओं में अनेक रचनाओं का प्रकाशन किया। साथ ही वृन्दावन लाल वर्मा के उपन्यास पर शोध-कार्य किया। उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए विधान परिषद के सभापति अवधेश कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रोफेसर अरुण सिन्हा का निधन बिहार की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। जिसे कभी भरा नहीं जा सकता है।