मसौढ़ी में रात में न करें सुरक्षा की बात, पस्त रहती पुलिस की गश्त
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पटना। मसौढ़ी अनुमंडल अंतर्गत भगवानगंज थाना क्षेत्र में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन पुलिस गश्त की लचर स्थिति से आम जनता में असुरक्षा की भावना घर कर रही है। बीते कुछ दिनों में क्षेत्र में चोरी और लूटपाट की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
पुलिस गश्त का अभाव
ग्रामीण इलाकों में अपराधों की बढ़ती संख्या के बावजूद पुलिस गश्त बेहद कमजोर नजर आ रही है। देवरिया चौराहे से लेकर इस्लामपुर गांव और देवरिया-पितामस पथ तक कहीं भी पुलिस के जवान या 112 की गाड़ी नजर नहीं आती। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पुलिस की गश्त अनियमित हो गई है—कभी आती है, कभी नहीं। इस वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
लूटपाट और चोरी की बढ़ती घटनाएं
मसौढ़ी-पितामस पथ पर अपराधियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने काजीचक मोड़ के पास बाइक सवार एक व्यक्ति के साथ लूटपाट की घटना घटी थी। यह पहली घटना नहीं थी—इससे पहले भी इस मार्ग पर कई लूटपाट की घटनाएं हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले भगवानगंज थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम और 112 की गश्ती गाड़ी चौक-चौराहों और सुनसान इलाकों में लगातार गश्त करती थी, जिससे अपराधियों में भय बना रहता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है।
अपराधियों के लिए ‘सुरक्षित’ रास्ते बने सुनसान इलाके
काजीचक और दरियापुर मोड़ के पास राहगीरों के साथ आए दिन अपराध की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती। अपराधियों को पकड़ने या घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
पुलिस की निष्क्रियता से जनता में नाराजगी
जब भी थाना क्षेत्र में कोई घटना घटती है और पत्रकार पुलिस से जानकारी लेना चाहते हैं, तो थानेदार फोन तक नहीं उठाते और न ही बाद में कोई जवाब देते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन अपराध नियंत्रण को लेकर गंभीर नहीं है।
जनता की मांग, बढ़ाई जाए पुलिस गश्त
स्थानीय लोग पुलिस प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि क्षेत्र में गश्त को फिर से प्रभावी बनाया जाए। खासकर रात के समय अधिक सतर्कता बरती जाए, ताकि अपराधियों के बढ़ते हौसले पस्त किए जा सकें। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो मसौढ़ी और आसपास के इलाकों में अपराध का ग्राफ और बढ़ सकता है। मसौढ़ी में अपराधियों का बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम देना पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। अगर पुलिस समय रहते अपराधियों पर नकेल नहीं कसती, तो यह क्षेत्र अपराध का गढ़ बन सकता है। आम जनता को सुरक्षा प्रदान करने के लिए रात में नियमित गश्त, चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती और सक्रियता बढ़ाने की सख्त जरूरत है।
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