आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने टीवी चैनलों के डिबेट्स में भाग न लेने का किया आग्रह
- बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव का संयुक्त वक्तव्य जारी
फुलवारी शरीफ। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने अपने प्रेस नोट में कहा है कि बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सैयद मुहम्मद राबे हसनी नदवी, उपाध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी, मौलाना काका सईद अहमद उमरी, मौलाना सैयद शाह फखरुद्दीन अशरफ, मौलाना सैयद अरशद मदनी, डॉ. सैयद अली मुहम्मद नकवी ने अपने संयुक्त बयान में उलेमा और बुद्धिजीवियों से अपील की है कि वे उन टीवी चैनलों की बहस और डिबेट्स में भाग न लें, जिनका उद्देश्य केवल इस्लाम और मुसलमानों का उपहास करना और उनका मजाक उड़ाना है। ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेकर वे इस्लाम और मुसलमानों की कोई सेवा नहीं कर पाते, बल्कि परोक्ष रूप से इस्लाम और मुसलमानों का अपमान और उपहास ही करते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य रचनात्मक चर्चा के माध्यम से किसी निष्कर्ष पर पहुंचना नहीं है, बल्कि इस्लाम और मुसलमानों का उपहास करना और उन्हें बदनाम करना है। ये चैनल्स अपनी तटस्थता साबित करने के लिए एक मुस्लिम चेहरे को भी बहस में शामिल करना चाहते हैं। हमारे उलेमा और बुद्धिजीवी अज्ञानतावश इस षड्यंत्र के शिकार हो जाते है। अगर हम इन कार्यक्रमों और चैनलों का बहिष्कार करते हैं, तो इससे न केवल उनकी टीआरपी कम होगी बल्कि वे अपने उद्देश्य में बुरी तरह विफल भी होंगे।