दिलेश्वर कामत बनाए गए जदयू संसदीय दल के नेता, संजय झा को राज्यसभा की कमान

नई दिल्ली/पटना। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने दिलेश्वर कामत को लोकसभा में संसदीय दल का नेता चुना है। वहीं, राज्यसभा में संजय झा जदयू के नेता होंगे। दिलेश्वर कामत, जो महादलित समुदाय से आते हैं, दूसरी बार सुपौल से सांसद बने हैं। संजय झा, जिन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माना जाता है, बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और जदयू के भीतर महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। संजय झा राज्यसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवार थे और विरोध में कोई प्रत्याशी न होने के कारण वे निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। दूसरी ओर, दिलेश्वर कामत महादलित समुदाय के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। लोकसभा चुनाव में सुपौल सीट पर उन्होंने आरजेडी के चंद्रहास चौपाल को 1,69,803 वोटों से हराया था। जदयू ने एमएलसी उपचुनाव के लिए भगवान सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है, जिसे कोइरी वोटबैंक को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार का यह बड़ा दांव माना जा रहा है। जदयू संसदीय दल की बैठक में सभी फैसले लेने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है। लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर लड़कर 12 सीटें जीतने वाली जदयू एनडीए के साथ है। दिल्ली में मोदी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण से पहले नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संसदीय दल की बैठक में नीतीश कुमार को संसदीय दल का नेता चुना गया और बाकी फैसले करने का अधिकार सौंपा गया। इससे पहले बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व करने वाली आरजेडी ने अभय कुशवाहा को लोकसभा में राजद संसदीय दल का नेता बनाया है और राज्यसभा में प्रेमचंद गुप्ता को जिम्मेदारी दी है। पहली बार सांसद बने अभय कुशवाहा को बड़ी जिम्मेदारी देने को लेकर सियासी चर्चा तेज हो गई है। मीसा भारती को इस बार संसद में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इन नए नियुक्तियों और बदलावों के साथ, बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।

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