September 22, 2024

पटना में 16 वर्षीय किशोर की डेंगू संक्रमण से मौत, अलर्ट मोड पर रखे गए अस्पताल

पटना। राजधानी पटना में मानसून के आगमन के साथ ही डेंगू का संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। गुरुवार देर रात, एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में भर्ती एक 16 वर्षीय किशोर की डेंगू संक्रमण के कारण मौत हो गई। यह किशोर पटना के नौबतपुर इलाके का रहने वाला था और उसे 24 अगस्त की रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मौत ने शहर और राज्य में डेंगू के बढ़ते खतरे को लेकर स्वास्थ्य विभाग को और अधिक सतर्क कर दिया है। पटना और बिहार के अन्य जिलों में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को ही राज्य में 50 नए डेंगू मरीज मिले, जिसमें से 17 मामले पटना के हैं। पटना के बाद सबसे अधिक समस्तीपुर में छह नए मामले दर्ज किए गए हैं। जनवरी से अब तक राज्य में कुल 646 लोग डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं, जिसमें से 265 मामले अकेले पटना से सामने आए हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि राज्य में डेंगू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और विशेष रूप से पटना में इसका प्रकोप अधिक है। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. अशोक कुमार ने जानकारी दी कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू की जांच और इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। अस्पतालों में विशेष तैयारी की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत उपचार उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है और आवश्यक उपायों को अपनाने की सलाह दी जा रही है। डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए लोगों को अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखना चाहिए। जलजमाव से बचना चाहिए और घरों के अंदर और बाहर पानी जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं। इसके अलावा, लोगों को शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने और मच्छरदानी या मच्छर भगाने वाले साधनों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। यदि किसी को बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, या त्वचा पर लाल धब्बे दिखें, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। डेंगू के मामलों में वृद्धि का मुख्य कारण मानसून के मौसम में मच्छरों की संख्या में इजाफा है। पानी का जमाव और ठहरे हुए पानी में मच्छरों के अंडे देने की आदत से यह बीमारी तेजी से फैलती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिन क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति अधिक है, वहां डेंगू के मामलों में वृद्धि हो रही है। नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को भी इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि समय रहते इस समस्या का समाधान किया जा सके। किशोर की मौत के बाद, पटना के सभी प्रमुख अस्पतालों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं और मरीजों की देखभाल के लिए चिकित्सा कर्मियों को भी तैयार किया गया है। इसके अलावा, डेंगू की जांच के लिए विशेष किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी मरीज का समय रहते सही इलाज किया जा सके। डेंगू के बढ़ते खतरे को देखते हुए, पटना और बिहार के अन्य जिलों के लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि सही समय पर उचित सावधानी बरती जाए तो डेंगू से बचाव संभव है। स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है और उम्मीद है कि इस स्थिति पर जल्द ही काबू पाया जा सकेगा।

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