समस्तीपुर में जहरीली शराब से एक की मौत, तीन की हालत गंभीर, महिला गिरफ्तार
- आक्रोशित लोगों ने शराब तस्कर के घर बोला धावा, जमकर की तोड़फोड़, पुलिस ने संभाला मोर्चा
समस्तीपुर। बिहार के समस्तीपुर जिले में जहरीली शराब के सेवन से एक युवक की मौत हो गई है, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती हैं। यह घटना पटोरी थाना क्षेत्र के नगर परिषद वार्ड 9 में स्थित मोहल्ले की है, जहां इस घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया। मृतक की पहचान मोनू कुमार (18) के रूप में हुई है, जो पटोरी थाना क्षेत्र के चक गांव का निवासी था। उसके साथ शराब का सेवन करने वाले अन्य लोग—बादल कुमार, नीतीश कुमार (चक गांव के निवासी) और मनीष कुमार (रसलपुर गांव का निवासी)—भी बीमार पड़ गए और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इन सभी का इलाज जारी है। पुलिस की प्राथमिक जांच के अनुसार, घटना के समय आरोपियों ने एक स्थानीय महिला के घर पर पार्टी आयोजित की थी, जिसमें जहरीली शराब परोसी गई थी। यह शराब पीने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ गई। मोनू कुमार की हालत इतनी बिगड़ गई कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी के घर पर छापा मारा और वहां से कुछ शराब की बोतलें बरामद की हैं। इसके साथ ही, पुलिस ने प्रिया कुमारी नामक एक महिला को हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है। प्रिया पर संदेह है कि उसके घर पर ही यह जहरीली शराब परोसी गई थी। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा गया। गुस्साए लोगों ने आरोपी बादल के घर पर धावा बोल दिया और जमकर तोड़फोड़ की। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में अवैध शराब का धंधा लंबे समय से चल रहा था, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण इसे रोका नहीं जा सका। अब इस घटना के बाद ग्रामीण प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बिहार में शराबबंदी के बावजूद, अवैध शराब का धंधा कई इलाकों में फल-फूल रहा है, जो कि चिंता का विषय है। समस्तीपुर की यह घटना इस बात का ताजा उदाहरण है कि कैसे अवैध शराब का कारोबार लोगों की जान के लिए खतरा बनता जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के बावजूद, ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि कानून के पालन में कहीं न कहीं कमी रह रही है। इस घटना के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ कठोर कदम उठाए और दोषियों को सख्त सजा दिलाए। समस्तीपुर की इस घटना ने एक बार फिर शराबबंदी के प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस घटना के बाद किस तरह की कार्रवाई करता है और क्या अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने में सफल हो पाता है या नहीं। ग्रामीणों की उम्मीद है कि इस घटना के बाद प्रशासन कड़े कदम उठाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाएं न हों।