पटना में सोन नदी में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत, परिवार में मचा कोहराम

बिहटा। पटना जिले के बिहटा इलाके में एक बेहद दुखद घटना घटी, जहां सोन नदी में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब दोनों बच्चे खेलते-खेलते नदी के पास पहुंच गए थे। मृतक बच्चों की पहचान नौबतपुर के करजा निवासी शिव शंकर कुमार के पुत्र विशाल कुमार (8) और अंकित कुमार (10) के रूप में हुई है। यह दोनों बच्चे पांच दिन पहले अपनी नानी से मिलने मौदही गांव आए थे। शुक्रवार की सुबह दोनों भाई घर से खेलने निकले थे और खेलते-खेलते सोन नदी के किनारे पहुंच गए। इसी दौरान अचानक विशाल का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। अपने छोटे भाई को डूबता देख बड़ा भाई अंकित उसे बचाने के लिए नदी में कूद पड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश वह भी तेज धारा में बह गया। आसपास मौजूद लोगों ने जब यह घटना देखी तो शोर मचाया और बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक दोनों बच्चे पानी में समा चुके थे। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन हरकत में आया। गोताखोरों की मदद से दोनों बच्चों के शवों को नदी से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया गया। हालांकि, इस घटना से पूरे इलाके में मातम छा गया और परिवार के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखने को मिला। मृतक बच्चों के मामा रमेश कुमार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस इलाके में अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है, जिससे नदी के किनारे बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। यही गड्ढे गहरे होने के कारण पानी की धारा और अधिक खतरनाक हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रशासन को इस बारे में कई बार सूचित किया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी लापरवाही की वजह से ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।बिहटा थाने के प्रभारी राजकुमार पांडे ने बताया कि ग्रामीणों से घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई थी। बच्चों के शव को बरामद कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन से जुड़े आरोपों की भी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस दर्दनाक हादसे के बाद मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। माता-पिता अपने बच्चों को खोने के गम में बेसुध हैं। गांव के लोग भी इस त्रासदी से गहरे सदमे में हैं। सभी का यही कहना है कि अगर प्रशासन समय रहते अवैध खनन पर रोक लगाता तो शायद यह घटना टल सकती थी। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है। सोन नदी के आसपास अवैध खनन के कारण गहरे गड्ढे बन गए हैं, जो लगातार लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

 

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