February 22, 2025

महाकुंभ में बेकाबू हुई श्रद्धालुओं की भीड़, स्टेशनों पर बिगड़े हालात, कई रूट को किया गया डायवर्ट

नैनी। महाकुंभ में श्रद्धालुओं का रैला माघ पूर्णिमा के बाद भी जारी है। नैनी रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने से हालात बेकाबू हो गए। स्टेशन परिसर में इतनी भीड़ हो गई कि श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। भीड़ बढ़ने के कारण प्रशासन को आपातकालीन प्लान लागू करना पड़ा और रास्तों को ब्लॉक करना पड़ा। शाम तक स्थिति और बिगड़ गई, जिससे पुलिस और प्रशासन को अतिरिक्त इंतजाम करने पड़े। अत्यधिक भीड़ के कारण छह श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई। वह बेहोश हो गए। प्राथमिक उपचार के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाका में भर्ती कराया गया। इनमें से एक युवक कानपुर का निवासी बताया जा रहा है, लेकिन वह अपना पता और जानकारी नहीं दे पा रहा था। मोबाइल न होने से पुलिस और डॉक्टर भी परेशान थे। संगम स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक बढ़ने से पुलिस को ट्रैफिक डायवर्जन लागू करना पड़ा। नैनी और मेवालाल बगिया क्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों का रूट बदला गया। डाकखाने के पास भी रास्ता ब्लॉक कर दिया गया, जिससे पूरे इलाके में यातायात बाधित हो गया। रेलवे स्टेशन पर वन-वे व्यवस्था लागू की गई, जिसमें संगम जाने वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म नंबर चार से नैनी मलहरा आरओबी होते हुए चकदोंदी की ओर भेजा गया। वहीं, दूसरी दिशा से आने वाले श्रद्धालुओं को कॉटन मिल, शंकर ढाल होते हुए नैनी रेलवे स्टेशन और शिव की रेलवे स्टेशन की ओर डायवर्ट किया गया। इस बीच भीड़ बढ़ने से महिलाएं और बुजुर्ग दुकानों में जाकर शरण ली। व्यापारियों ने भी उनकी मदद की। इसी तरह छिवकी रेलवे स्टेशन पर भी भीड़ बनी रही। उधर, झूंसी रेलवे स्टेशन पर भयंकर भीड़ रही। रेलवे ने परिसर में बने छह आश्रय स्थलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी कि आश्रय स्थलों में यात्रियों को तीन-चार घंटे तक रोका गया। इसके बाद प्लेटफॉर्म पर जाने दिया गया। झूंसी कॉलोनी से होकर स्टेशन जाने वाले रास्ते पर ही भीड़ को घंटों रोका गया। भीड़ के दबाव में फंसे क‌ई लोगों की गर्मी से तबीयत बिगड़ गई। बेहोश होने पर छपरा की दो महिला और बलिया के एक व्यक्ति को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। रेलवे स्टेशन से पहले भीड़ को नियंत्रित कर रहे सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने श्रद्धालुओं की मदद भी की। वे उनके खाली बोतलों में पानी भर भर कर देने में जुटे रहे। जिनकी तबीयत बिगड़ रही थी उन्हें धूप से हटा कर छाया में बैठाते रहे। बिहार गोपालगंज से पत्नी अनीता देवी व तीन मासूम बच्चों के साथ आए नंदजी शाह भीड़ में फंस गए थे। बच्चों के चिल्लाने पर जवानों ने उन्हें एक किनारे जगह दी।

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