विकास के आंकड़ें व समग्र उपलब्धि के आधार पर राज्य का दर्जा निर्धारण का करें सूचकांक तैयार : JDU
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पटना। जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा है कि नीति आयोग सतत विकास लक्ष्य 2015-30 के सूचकांक के लिए वर्ष 2015 के बाद के विकास के आंकड़ें व समग्र उपलब्धि के आधार पर राज्य का दर्जा निर्धारण का सूचकांक तैयार करें। गौरतलब है कि बिहार जैसे राज्य ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में समावेशी विकास हेतु अपने सीमित संसाधन के बावजूद नीतियों का निर्धारण व क्रियान्वयन में सामाजिक मौन परिवर्तन एवं विकास परक राजनीति का आगाज किया है।
उन्होंने अपने बयान में मंगलवार को कहा कि टीकाकरण, नवजात शिशु दर, शुद्ध पेयजल, प्रति व्यक्ति विकास पर खर्च दर, सकल नामांकन दर, हरियाली मिशन, जीवन प्रत्याशा दर, प्रजन्न दर, वाहन वृद्धि, सड़क निर्माण जैसे बहुतेरे उपलब्धियों को नकारकर बिहार के साथ न्याय नहीं किया गया है। जबकि हितों की अनदेखी के बावजूद बिहार तीव्र रूप से विकासशील राज्य के श्रेणी में अपने आपको खड़ा किया है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि महिला सशक्तिकरण के मामले में स्वयं सहायता समूह के क्रियान्वयन जैसे महत्वपूर्ण उपलब्धि को भी लैंगिंग समानता के अन्तर्गत सूचकांक नहीं बनाया गया है।
उन्होंने केन्द्र सरकार से विभिन्न मुद्दो पर विचार करने की मांग की है। जैसे- सतत विकास का महत्वपूर्ण सिद्धांत ‘कोई भी पीछे छूटे नहीं’ के तहत पिछडे राज्यों के विकास तथा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान करे। एक समान राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियां न रहने के कारण लक्ष्य के निर्धारण हेतु 2015 या निकटतम पूर्व की वर्ष की स्थिति एवं राज्य की भौगोलिक, आर्थिक व सामाजिक स्थिति को आधार बनाये। सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति हेतु लघु, मध्यम एवं दीर्घकालीन रणनीति तैयार करे, जो राज्यों के बीच असमानता के लक्ष्यों पर निर्धारित हो। सूचकांकों के निर्धारण की कमिटी में विकासशील राज्यों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करे।
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